Good Friday 2025: बलिदान और प्रेम का प्रतीक, फिर भी क्यों कहलाता है ‘गुड’? जानें कारण

गुड फ्राइडे का दिन प्रेम, बलिदान और मोक्ष का प्रतीक है. यह दिन हमें सिखाता है कि ईश्वर का प्रेम इतना महान होता है कि वह मानवता के उद्धार के लिए अपने प्राण भी न्योछावर कर देता है. तो चलिए इसके बारे में जानते हैं.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

18 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा गुड फ्राइडे, जो ईसाई समुदाय के लिए गहरा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है. यह दिन यीशु मसीह के बलिदान की याद में मनाया जाता है, जब उन्होंने मानवता के पापों के प्रायश्चित के लिए अपने प्राण त्याग दिए थे. हालांकि यह दिन शोक और मौन का प्रतीक है, फिर भी इसे ‘गुड फ्राइडे’ कहा जाता है.

इस दिन दुनियाभर के चर्चों में विशेष प्रार्थना सभाएं आयोजित की जाती हैं, उपवास रखा जाता है और यीशु मसीह की यातनाओं और बलिदान को याद किया जाता है. यह दिन सिर्फ एक दुखद घटना नहीं, बल्कि ईसाइयों के लिए आशा, मोक्ष और पुनरुत्थान की शुरुआत भी है.

क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे?  

गुड फ्राइडे ईसाई धर्म में उस दिन को दर्शाता है जब प्रभु यीशु मसीह को मानवता के पापों के लिए सूली पर चढ़ाया गया था. यह दिन यीशु के त्याग, प्रेम और आत्मबलिदान का स्मरण है. माना जाता है कि उन्होंने शुक्रवार को अपने प्राण त्यागे और इसके तीन दिन बाद ईस्टर संडे को पुनर्जीवित हो गए.  

शोक का दिन फिर भी 'गुड' क्यों?  

‘गुड फ्राइडे’ नाम सुनकर अक्सर यह सवाल उठता है कि दुख और पीड़ा से भरे दिन को ‘गुड’ क्यों कहा जाता है? इसका जवाब छुपा है इस दिन के आध्यात्मिक महत्व में. ईसाई मान्यता के अनुसार, यीशु मसीह की मृत्यु ने इंसानियत के लिए मोक्ष का मार्ग खोला. यह बलिदान पापों के प्रायश्चित के रूप में देखा जाता है, जिसने मानवता को नया जीवन और आशा दी.  

‘गुड’ शब्द का मूल क्या है?  

एक मान्यता यह भी है कि ‘गुड फ्राइडे’ में ‘गुड’ शब्द पुरानी अंग्रेजी से आया है, जिसका अर्थ होता है ‘पवित्र’. इसलिए कई जगह इसे ‘Holy Friday’ या ‘Sacred Friday’ भी कहा जाता है. यह नाम इस दिन की धार्मिकता और गंभीरता को दर्शाता है, न कि खुशी को.  

कैसे मनाया जाता है गुड फ्राइडे?  

गुड फ्राइडे पर चर्चों में विशेष सेवा होती है. भजन, बाइबिल पाठ, और यीशु की यातनाओं से जुड़ी कहानियों को सुनाया जाता है. यीशु की ‘पैशन स्टोरी’ यानी उनकी गिरफ्तारी, यातना, सूली पर चढ़ने और आखिरी शब्दों का पाठ किया जाता है. इसके अलावा, इस दिन उपवास करना, मांसाहार से दूरी बनाना, और आत्ममंथन भी गुड फ्राइडे की परंपराओं में शामिल है. बहुत से ईसाई इस दिन अपने पापों के प्रायश्चित के लिए प्रार्थना करते हैं. 

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18 April 2025, 12:37 PM IST

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