'1971 नरसंहार के लिए माफी मांगो', बांग्लादेश की पाकिस्तान से दो टूक मांग
Bangladesh-Pakistan Relations: बांग्लादेश ने 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान हुए नरसंहार के लिए पाकिस्तान से औपचारिक माफी की मांग दोहराई है.

Bangladesh-Pakistan Relations: बांग्लादेश ने 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए नरसंहार के लिए पाकिस्तान से औपचारिक माफी की मांग दोहराई है. इसके साथ ही ढाका ने लम्बे समय से अटके हुए द्विपक्षीय मुद्दों को सुलझाने की अपील की है, ताकि भविष्य में दोनों देशों के बीच रिश्ते और मजबूत बन सकें. यह मांग उस समय सामने आई जब दोनों देशों के बीच 14 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद सचिव स्तर की बातचीत फिर से शुरू हुई.
वहीं पाकिस्तान ने इन मसलों पर बातचीत जारी रखने की इच्छा जताई है. गुरुवार को बांग्लादेश की राजधानी ढाका स्थित पद्मा स्टेट गेस्ट हाउस में हुई इस वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक संवाद के एक नए अध्याय की उम्मीदें जगी हैं. इस बातचीत को नियमित करने की बात भी की गई है.
14 साल बाद फिर से शुरू हुई सचिव-स्तर की बातचीत
गुरुवार को हुई वार्ता में बांग्लादेश के विदेश सचिव जासिम उद्दीन ने बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जबकि पाकिस्तान की ओर से विदेश सचिव अमना बलूच ने प्रतिनिधित्व किया. इस मौके पर जासिम उद्दीन ने बताया, "पाकिस्तान ने इन मुद्दों पर भविष्य में निरंतर बातचीत जारी रखने का सुझाव दिया है. यह बैठक नियमित अभ्यास का हिस्सा होनी चाहिए थी, लेकिन पिछली बैठक 2010 में हुई थी."
अमना बलूच ने की शिष्टाचार मुलाकातें
वार्ता के बाद, पाकिस्तानी विदेश सचिव अमना बलूच ने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस और विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से शिष्टाचार भेंट की. वे इससे एक दिन पहले ही ढाका पहुंची थीं और द्विपक्षीय संवाद की पहल को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न राजनयिक गतिविधियों में भाग लिया.
फिर दोहराई पुरानी मांग
पिछले वर्ष प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ से 1971 के युद्ध से जुड़े लंबित मुद्दों का "एक बार में और हमेशा के लिए" समाधान करने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि इससे दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. हालांकि उस समय उन्होंने नरसंहार और बलात्कार जैसी घटनाओं पर स्पष्ट रूप से माफी की मांग नहीं की थी, जो कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा संबंध सामान्य करने की शर्त के रूप में पहले रखी जा चुकी है.


