साइलेंट किलर हाई बीपी! शरीर की इन चेतावनियों को न करें नजरअंदाज
High blood pressure: हाई ब्लड प्रेशर यानी हाईपरटेंशन एक ऐसी खामोश बीमारी है जो बिना किसी साफ लक्षण के शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है. भारत में हर चौथा वयस्क इससे जूझ रहा है, लेकिन अधिकतर को इसका अंदाजा तक नहीं होता.

High blood pressure: आज की तेज रफ्तार जिंदगी में जब तक कोई बीमारी जोर से दस्तक न दे, हम अक्सर उसे नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन क्या हो अगर वो बीमारी चुपचाप हमारे शरीर को भीतर से खोखला कर रही हो? हाई ब्लड प्रेशर यानी हाईपरटेंशन भी ऐसी ही एक साइलेंट किलर बीमारी है, जो बिना कोई शोर किए हमारे दिल, दिमाग और किडनी जैसे जरूरी अंगों को नुकसान पहुंचाती है.
भारत में हर चार में से एक व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित है, और चौंकाने वाली बात यह है कि आधे लोगों को इस बारे में पता तक नहीं होता. हाई बीपी का सबसे बड़ा धोखा यही है कि इसके लक्षण बहुत देर से सामने आते हैं, जब तक शरीर काफी नुकसान झेल चुका होता है.
क्यों खतरनाक है हाईपरटेंशन?
हाईपरटेंशन का मतलब है कि हमारी रक्त वाहिकाओं में खून का दबाव सामान्य से अधिक रहता है. यह दबाव जितना ज्यादा और लंबे समय तक रहेगा, हमारे दिल और शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगों पर उतना ही अधिक तनाव पड़ेगा. यह बीमारी दिखती नहीं, पर धीरे-धीरे गंभीर बीमारियों की वजह बन सकती है.
लोग अक्सर मानते हैं कि जब तक चक्कर न आएं, सिरदर्द न हो या थकावट महसूस न हो, तब तक सब ठीक है. लेकिन यही सोच सबसे ज्यादा खतरनाक साबित होती है. अधिकतर लोग तभी हाई बीपी के बारे में जानते हैं जब उन्हें स्ट्रोक, हार्ट अटैक या किडनी फेलियर जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है.
क्यों छूट जाते हैं ये चेतावनी संकेत?
शहरी इलाकों में जहां नियमित हेल्थ चेकअप का चलन बढ़ा है, वहीं ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में आज भी सस्ता और आसान बीपी जांच की सुविधा नहीं है. युवाओं में भी इसे बुजुर्गों की बीमारी मानकर नजरअंदाज किया जाता है, जबकि 40 साल से कम उम्र के लोगों में भी हाई बीपी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जिसके पीछे तनाव, खराब खानपान, निष्क्रिय जीवनशैली और नींद की कमी जैसे कारण हैं.
नजरअंदाज नहीं करने चाहिए ये संकेत
हाईपरटेंशन भले ही चुपचाप असर डाले, लेकिन कभी-कभी ये कुछ संकेत छोड़ जाता है:
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रोज सुबह सिरदर्द होना
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धुंधली दृष्टि या ध्यान केंद्रित करने में परेशानी
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बिना वजह नाक से खून आना
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बिना कारण अत्यधिक थकान या भ्रम की स्थिति
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दिल की धड़कन तेज या अनियमित होना
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हल्के कार्य करने पर ही सांस फूलना
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कानों में लगातार घंटी बजने जैसा महसूस होना (टिनिटस)
अगर ये लक्षण बार-बार महसूस हो रहे हैं, तो चाहे आप युवा हों या स्वस्थ महसूस कर रहे हों तुरंत बीपी की जांच करवाएं.
क्या है इसका इलाज?
हाईपरटेंशन लाइलाज नहीं है. सही जीवनशैली और समय पर सावधानी से इसे नियंत्रित किया जा सकता है:
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30 की उम्र के बाद नियमित रूप से बीपी की जांच कराएं
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खाने में नमक की मात्रा कम करें
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रोजाना कम से कम 30 मिनट टहलें
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नींद पूरी लें, तनाव कम करें
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धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं
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डॉक्टर की बताई दवा समय पर लें
Disclaimer: ये आर्टिकल मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.


