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घंटो बैठे रहते है कुर्सी पर तो हो जाए सावधान, बढ़ सकता है हार्ट अटैक का खतरा 

आज की तेज़ रफ़्तार और टेक्नोलॉजी वाली लाइफ़स्टाइल में, बहुत से लोग घंटों कुर्सियों पर बैठे रहते हैं. चाहे वह ऑफिस डेस्क पर हो, घर से काम करना हो, या लंबे समय तक टेलीविज़न के सामने बैठना हो, इस तरह की सुस्त लाइफ़स्टाइल का हमारी सेहत पर गंभीर और सीधा असर पड़ रहा है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली: आज की तेज़ और तकनीकी जीवनशैली में कई लोग लंबे समय तक कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं. चाहे वह ऑफिस का डेस्क हो, घर से काम करने की स्थिति हो या टीवी के सामने लंबे समय बैठना, इस सेडैंटरी (निष्क्रिय) जीवनशैली का सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर बहुत गंभीर रूप से पड़ रहा है. कार्डियोलॉजिस्ट के अनुसार, यह सिर्फ कमर या गर्दन का दर्द नहीं है, बल्कि इससे दिल और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. 

विशेषज्ञों का मानना है कि एक ही जगह घंटों बैठे रहने से शरीर की सामान्य गतिविधियाँ जैसे रक्त का सुचारू रूप से प्रवाह, मेटाबॉलिज़्म और कोशिकाओं की सेहत प्रभावित होती हैं. इससे हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, डायबिटीज और यहां तक कि कैंसर का जोखिम भी बढ़ सकता है. शोधों में यह पाया गया है कि जिन लोगों का रोज़ाना छह से आठ घंटे या उससे ज़्यादा समय बैठकर गुजरता है, उनमें कुल मृत्यु दर और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा अधिक रहता है. 

कारण और जोखिम

लंबे समय तक बैठे रहना शरीर के लिए एक क्रियाशील खतरा (sedentary risk) बन गया है क्योंकि:

1. ब्लड सर्कुलेशन धीमा होता है, जिससे शरीर में ऊर्जा प्रवाह कम हो जाता है.

2. कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर का स्तर असामान्य रूप से बढ़ सकता है, जो मेटाबॉलिक सिंड्रोम जैसी स्थितियों को जन्म देता है.

3. हृदय को सही तरह से रक्त पंप करने में कठिनाई होती है, जिससे हार्ट अटैक, कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का खतरा और बढ़ता है.

4. शोधों के अनुसार लंबे समय तक बैठे रहने से कैंसर सहित अन्य गंभीर बीमारियों से मौत का जोखिम भी अधिक दिखाई देता है. 

विशेष रूप से यह ध्यान देने वाली बात है कि केवल रोज़ाना थोड़ी एक्सरसाइज करने से भी खतरों को पूरा खत्म नहीं किया जा सकता. अध्ययन बताते हैं कि अगर पूरा दिन 8–10 घंटे बैठकर गुजरता है, तो दिल और अन्य अंगों पर इसका दुष्प्रभाव तब भी होता है, भले ही व्यक्ति जिम जाकर या शाम को चलकर व्यायाम कर ले. 

निष्क्रियता से कैसे बचें

हर 45–60 मिनट पर उठकर थोड़ी देर टहलना या खड़ा होना चाहिए.

थोड़ी-थोड़ी देर में खड़े होने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है.

डेस्क पर काम करते समय हल्के स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज या सरल शारीरिक गतिविधियाँ अपनानी चाहिए.

यदि संभव हो तो स्टैंडिंग डेस्क का उपयोग भी किया जा सकता है. 

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी है कि बहुत देर तक बैठे रहना केवल असुविधा नहीं, बल्कि गंभीर स्वास्थ्य के लिए जोखिम है. इसलिए अपनी दिनचर्या में थोड़ी सी हरकत चाहे वह छोटी वॉक हो, खड़े होकर काम करना हो या नियमित ब्रेक शामिल करना अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि आप हार्ट अटैक, कैंसर और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकें. 

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16 December 2025, 09:35 AM IST

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