हिमाचल प्रदेश के इस गांव में गर्मी का नामोनिशान तक नहीं, जून में भी कांपते हैं लोग!

हिमाचल का एक ऐसा गांव, जो जून में भी माइनस तापमान और कंपकंपा देने वाली ठंड के लिए जाना जाता है, जहां लोग गर्मियों में भी सर्दियों जैसे कपड़े पहनते हैं.

देशभर में जहां चिलचिलाती गर्मी लोगों का जीना मुश्किल कर रही है, वहीं हिमाचल प्रदेश में एक ऐसा गांव है, जहां जून के महीने में भी कंपकंपा देने वाली ठंड पड़ती है. जब मैदानी इलाकों में पारा 45 डिग्री को पार कर रहा हो, तब इस गांव में तापमान माइनस में पहुंच जाता है. ऐसे में अगर आप गर्मी से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो ये जगह आपके लिए किसी जन्नत से कम नहीं.

ये गांव इतना ठंडा है कि यहां जून में भी लोगों को दो-तीन लेयर ऊनी कपड़े पहनने पड़ते हैं. ना सिर्फ सर्द मौसम बल्कि यहां की प्राकृतिक सुंदरता और सादगी भरी जिंदगी भी दिल को छू जाती है. ये जगह उन लोगों के लिए बेस्ट है जो शहरी भागदौड़ और चकाचौंध से दूर सुकून की तलाश में हैं.

हिमाचल का ठंडा स्वर्ग: खंगसर गांव

इस स्वर्ग जैसे गांव का नाम है खंगसर. ये छोटा सा गांव हिमाचल प्रदेश में स्थित है, जो अपने अत्यधिक ठंडे मौसम और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है. यहां जून के महीने में भी लोग सर्दियों के ऊनी कपड़े पहनते हैं. अगर आप चिलचिलाती गर्मी से परेशान हैं, तो यहां आकर मानो किसी दूसरी दुनिया में पहुंच जाएंगे.

गर्मी में बर्फ जैसा एहसास

जब देशभर में सूरज आग उगल रहा होता है, खंगसर में बर्फ की ठंडी हवा लोगों को सुकून देती है. यहां तापमान माइनस 5 डिग्री तक भी पहुंच जाता है. इसके चलते यहां के स्थानीय लोग साल के लगभग हर महीने गर्म कपड़ों में ही रहते हैं.

सादगी भरी जिंदगी और जैविक खेती

खंगसर गांव की खासियत है यहां की सादगी भरी जीवनशैली. लोग केवल उतनी ही खेती करते हैं, जितनी उन्हें जरूरत होती है. यहां की एक और खास बात है कि लोग विदेशी सब्जियों की खेती करते हैं जैसे – ब्रोकोली, जुकीनी, एस्पेरेगस और आइसबर्ग. इसके लिए छोटे-छोटे ग्रीनहाउस का इस्तेमाल किया जाता है.

जहां सपनों सी लगती है नेचुरल ब्यूटी

ये गांव इंटरनेट, ऑनलाइन शॉपिंग या रैपिड फूड डिलीवरी जैसी सुविधाओं से भले दूर है, लेकिन यहां की प्राकृतिक सुंदरता सब कुछ भुला देती है. चारों तरफ हरियाली, ऊंचे पहाड़ और उनपर जमी बर्फ की सफेद चादर किसी स्वप्नलोक जैसा अनुभव कराते हैं. कभी-कभी यहां ग्लेशियर के टुकड़े भी गिरते दिख जाते हैं.

कैसे पहुंचे खंगसर?

खंगसर गांव अटल टनल से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. पहले यहां पहुंचना कठिन था क्योंकि रोहतांग दर्रे से गुजरना पड़ता था, लेकिन अब अटल टनल के बनने के बाद इस गांव तक पहुंचना काफी आसान हो गया है. यही कारण है कि यहां शांति और सुकून की तलाश करने वाले पर्यटकों की भीड़ नहीं होती.

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09 June 2025, 06:38 PM IST

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