New Year Shayari: ये साल भी उदासियां दे कर चला गया तुम से मिले बग़ैर दिसम्बर चला गया... पढ़ें नए साल पर चुनिंदा शेर
New Year Shayari 2024: नए साल की दस्तक लोगों के मन में जितनी उम्मीदें और नए सपनों को साथ लेकर आती है उतनी ही कुछ यादों को पीछे छोड़ भी जाती है. दिसंबर का महीना सर्द महीना होता है और साथ ही आखिरी भी तो पेश है कुछ दिल को छु जाने वाली शायरी.

New Year Shayari 2024: साल 2023 जाने को हैं और हम नए साल की सरहद पर खड़ी है. हर साल दिसंबर के अंत में हम यही सोचते हैं कि, ये साल कैसे गुजर गया पता ही नहीं चला और हम अपने पिछले साल का लेखा-जोखा लेकर बैठ जाते हैं. नए साल की दस्तक लोगों के मन में जितनी उम्मीदें और नए सपनों को साथ लेकर आती है उतनी ही यादों को पीछे छोड़ भी जाती है. हमरा कवियों और शायरों ने जाते हुए साल और नए साल पर बहुत सारी कविताएं और शायरी कही है तो चलिए पढ़ते हैं मशहूर शायरों के नए साल पर कुछ चुनिंदा शेर...
तू नया है तो दिखा सुब्ह नई शाम नई
वर्ना इन आँखों ने देखे हैं नए साल कई..... फ़ैज़ लुधियानवी
न कोई रंज का लम्हा किसी के पास आए
ख़ुदा करे कि नया साल सबको रास आए.... फ़रियाद आज़र
न शब ओ रोज़ ही बदलते हैं न हाल अच्छा है
किस बरहमन ने कहा था कि ये साल अच्छा है...अहमद फ़राज़
फिर नए साल की सरहद पे खड़े हैं हम लोग
राख हो जाएगा ये साल भी हैरत कैसी.........अज़ीज़ नबील
इस गए साल बड़े जुल्म हुए हैं मुझ पर
ऐ नए साल मसीहा की तरह मिल मुझ से.....सरफ़राज़ नवाज़
करने को कुछ नहीं है नए साल में 'यशब'
क्यों ना किसी से तर्क-ए मोहब्बत ही कीजिए....यशब तमन्ना
ये साल भी उदासियां दे कर चला गया
तुम से मिले बग़ैर दिसम्बर चला गया.
दिसंबर की शब-ए-आख़िरी न पूछो किसी तरह गुज़री
यही लगता था हर दम वो हमें कुछ फूल भेजेगा
हर दिसंबर इसी वहशत में गुज़ारा कि कहीं
फिर से आंखों में तिरे ख्वाब न आने लग जाए


