लौट आओ भुलाकर खताएँ मेरी… सुनिए लोगों को आईना दिखाने देने वाला मशहूर गीत

Urdu Shayari: उर्दू की मशहूर शायरा शबीना अदीब की कई ग़ज़लें/गीत लोगों की ज़बान चढ़ी रहती हैं. आज एक ऐसा ही गीत हम आपको पढ़वाने जा रहे हैं.

Tahir Kamran
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Shabeena Adeeb: शबीना अदीब उर्दू अदब की एक बेहतरीन शायरा हैं. मुशायरों के मंच पर आवाज़ और शब्दों का जादू बिखेरने वाली शबीना अदीब आम आदमी से जुड़ी शायरी करती हैं. उनकी अनगिनत ग़ज़लें और गीत लोगों की ज़बान पर यूँही चढ़े रहते हैं. कोई भी मौक़ा आने पर उनकी कई गीत याद आ जाते हैं. शबीना अदीब का नए-नए अमीरों के लिए एक शेर काफ़ी मशहूर है कि

जो ख़ानदानी रईस हैं वो मिज़ाज रखते हैं नर्म अपना 
तुम्हारा लहजा बता रहा है तुम्हारी दौलत नई नई है 

आज साहित्य में हम आपको शबीना अदीब का एक गीत पेश करने जा रहे हैं. उनका यह गीत काफ़ी मशहूर है. ख़ास बात यह है कि शबीना अदीब ने इस गीत को मुशारयों के मंच के अलावा मशहूर क़व्वाल अनीस साबरी के साथ डुएट के तौर पर गाया भी है. जिसका वीडियो लिंक आपको नीचे मिल जाएगा.

लौट आओ भुलाकर खताएँ मेरी
अपनी पलकें बिछा दूँ अगर तुम कहो
ईद आने को है, शहर सजने लगा
मैं भी घर को सज़ा दूँ अगर तुम कहो

जंग से मुल्क जीते गए हैं सदा
प्यार से जीत लेता है दिल आदमी
ये तुम्हारी निगाहों में नफ़रत है जो
इसको चाहत बना दूँ अगर तुम कहो

क्या कहा ये अंधेरे ना मिट पाएँगे
क्या कहा रौशनी अब ना हो पाएगी
देके दिल का उजाला चरागों को मैं
रात को दिन बना दूँ अगर तुम कहो

वो जुनूँ क्या हुआ, वो वफ़ा क्या हुई
अब तो चूड़ी भी लाने की फ़ुरसत नहीं
किस मोहब्बत से कल तक ये कहते थे तुम 
चाँद तारे भी ला दूँ अगर तुम कहो

सब यहाँ पर अपने पराये नहीं
और अपनों से कुछ भी छुपाते नहीं
ज़िक्र जिसमें तुम्हारी जफ़ाओं का है
वो ग़ज़ल भी सुना दूँ अगर तुम कहो

दूसरों को बुरा कहने वालों सुनों
ख़ुद को भी तो जरा एक नज़र देख लो
अपनी भी ऐब तुमको नज़र आएँगे
आइना मैं दिखा दूँ अगर तुम कहो

calender
07 March 2024, 11:53 AM IST

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