‘कुछ लोगों का पेट खराब है...' धीरेंद्र शास्त्री का प्रेमानंद जी के समर्थन में बड़ा बयान
Dhirendra Shastri: बागेश्वर धाम सरकार के प्रमुख कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री ने बुधवार रात अपने दिव्य दरबार में आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद जी के समर्थन में खुलकर बयान दिया. हाल ही में प्रेमानंद जी को लेकर मचे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए शास्त्री ने उन्हें भजन और अध्यात्म को पूरी तरह समर्पित प्रवचनकर्ता बताया और उनके विरोधियों पर तीखा कटाक्ष किया.

Dhirendra Shastri: बागेश्वर धाम सरकार के प्रमुख कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री ने बुधवार रात अपने दिव्य दरबार में आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद जी के समर्थन में बड़ा बयान दिया. हाल ही में प्रेमानंद जी को लेकर मचे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि वे एक ऐसे उपदेशक हैं जो पूरी तरह भजन और आध्यात्मिकता के लिए समर्पित हैं. शास्त्री ने उन लोगों पर कटाक्ष किया जो प्रेमानंद जी का विरोध कर रहे हैं और कहा कि ऐसे लोग 'पेट की बीमारी' से ग्रस्त हैं.
धीरेंद्र शास्त्री ने मंच से यह भी कहा कि जैसे अतीत में कुछ लोगों ने उन्हें उनके बेबाक और निडर बयानों के कारण 'मुसीबत खड़ी करने वाला' माना था, वैसे ही आज प्रेमानंद जी को निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि सच्चाई बोलना आज के समय में बेहद मुश्किल हो गया है.
प्रेमानंद जी के समर्थन में खुलकर उतरे शास्त्री
दिव्य दरबार के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि प्रेमानंद जी एक ऐसे प्रवचनकर्ता हैं जो भजन और अध्यात्म को समर्पित हैं. उनका विरोध करने वाले असल में ‘पेट की बीमारी’ से पीड़ित हैं. उन्होंने आगे कहा कि लोगों ने पहले भी उन्हें डर के कारण ‘हिंदू-हिंदू’ कहकर बुलाया, लेकिन वे हमेशा मंच से खुलकर बोलते हैं.
जातिवाद पर प्रहार, राष्ट्रवाद का संदेश
धीरेंद्र शास्त्री ने अपने संबोधन में उन नेताओं की आलोचना की जो जाति के नाम पर समाज को बांटते हैं. उन्होंने जातिवाद को हतोत्साहित करते हुए राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने का आह्वान किया. उन्होंने सवाल उठाया कि ‘गंगा-जमुनी’ विचारधारा में सरस्वती नदी को क्यों शामिल नहीं किया जा सकता.
तीखे सवाल और बेबाक बयान
धीरेंद्र शास्त्री ने कटाक्ष करते हुए कहा कि जब ‘हवास के पुजारी’ हो सकते हैं, तो ‘हवास के मौलवी’ क्यों नहीं हो सकते? उन्होंने यह भी कहा कि आज के समय में नागरिकों के पास ‘माला’ के साथ-साथ ‘भाला’ भी होना चाहिए, ताकि आध्यात्मिकता और शक्ति का संतुलन बना रहे.
'हर धर्म में अच्छे-बुरे लोग होते हैं'
शास्त्री ने कहा कि जब लोगों ने प्रेमानंद जी की आलोचना शुरू कर दी, तो उन्हें समझ आया कि आज के दौर में सच्चाई कहना कितना मुश्किल है. उन्होंने कहा कि 'हर धर्म में अच्छे और बुरे लोग होते हैं. लेकिन अगर गलत लोगों की भीड़ में एक ईमानदार व्यक्ति हो, तो सबकी नज़र उसी पर जाती है.'


