राखी खरीदने जा रही हैं? तो ये गलतियां बिल्कुल ना करें, कहीं रिश्तों में ना आ जाए खट्टास!
रक्षाबंधन नजदीक है और हर तरफ तैयारियां जोरों पर हैं। बाजारों में राखियों की रौनक है. राखी चुनते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. ज्योतिषाचार्य की मानें तो राखी खरीदते वक्त कुछ सावधानियां बरतनी होती है. इनका पालन न करने पर भाई-बहन के रिश्ते में तनाव आ सकता है.

Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन का पावन पर्व नजदीक है. देशभर में इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. बाजार रंग-बिरंगी और डिजाइनर राखियों से जगमगा उठे हैं. बहनें अपने भाइयों के लिए खास राखियां चुनने में जुटी हैं, ताकि इस पर्व को यादगार बनाया जा सके. राखी चयन करते वक्त कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं, जिनका पालन न करने पर भाई-बहन के रिश्ते में तनाव आ सकता है.
रक्षाबंधन पर राखी बांधते समय सिर्फ डिजाइन या लुक ही नहीं, बल्कि उसकी धार्मिक और ज्योतिषीय महत्ता पर भी ध्यान देना जरूरी है. आचार्य भारद्वाज के अनुसार, कुछ राखियां नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित कर सकती हैं और भाई के जीवन पर अशुभ प्रभाव डाल सकती हैं. ऐसे में जानिए, किन प्रकार की राखियों से दूरी बनाना ही बेहतर है.
खंडित या पुरानी राखी से करें परहेज
जब भी राखी खरीदने जाएं, तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि वह खंडित (टूटी-फूटी) या पुरानी न हो. ऐसी राखी बांधना अशुभ माना जाता है और इसका बुरा प्रभाव रिश्तों पर पड़ सकता है. भाई-बहन के प्रेम को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए नई और साफ-सुथरी राखी का चयन करना आवश्यक है.
देवी-देवताओं की तस्वीर वाली राखी न करें इस्तेमाल
बहुत सी बहनें भगवान गणेश, श्रीकृष्ण या अन्य देवी-देवताओं की छवि वाली राखियां लेना पसंद करती हैं, लेकिन ज्योतिष शास्त्र इससे मना करता है. भाई की कलाई पर भगवान की तस्वीर बांधना उनके अपमान के समान होता है. इससे ईश्वर नाराज हो सकते हैं और नकारात्मक असर पड़ सकता है.
काले धागे से बनी राखी से बढ़ सकता है तनाव
हिंदू धर्म में काले रंग को नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है. रक्षाबंधन के दिन काले धागे की राखी नहीं बांधनी चाहिए. यह रिश्तों में खटास, विवाद और मानसिक तनाव पैदा कर सकती है. ऐसे में रंगों का चयन करते समय विशेष सावधानी बरतें.
प्लास्टिक और सिंथेटिक राखियां भी नुकसानदायक
बाजार में आकर्षक डिजाइन की प्लास्टिक और सिंथेटिक राखियां खूब बिक रही हैं, लेकिन इनके प्रभाव सकारात्मक नहीं माने जाते. प्लास्टिक की राखी न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि यह भाई की ऊर्जा पर भी नकारात्मक असर डाल सकती है. प्राकृतिक धागे, सूती या रेशमी राखी का प्रयोग करना अधिक शुभ होता है.
Disclaimer: ये आर्टिकल धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता है.


