सावन का पहला सोमवार, जानें कैसे करें शिवजी की आराधना और जलाभिषेक
सावन महीने की शुरुआत हो चुकी है.आज यानी 14 जुलाई 2025 को सावन का पहला सोमवार है. इस मौके पर श्रावण सोमवार व्रत से जुड़े नियम, पूजा विधि, महत्व, मंत्र और भोग के बारे में जानिए.

First Monday of Savan: सावन का पवित्र महीना शुरू हो चुका है, और आज सावन का पहला सोमवार है. इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना और व्रत का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह आध्यात्मिक शांति और आत्मसंयम का प्रतीक माना जाता है. सावन के पहले सोमवार पर पांच शुभ योगों का संयोग बन रहा है. जो इस दिन की महत्ता को और बढ़ा रहा है. भक्त इस दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक और मंत्र जाप करते हैं. मान्यता है कि सावन में भगवान शिव की भक्ति से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए, पुरुष शक्ति और शांति के लिए, और कुंवारी कन्याएं योग्य वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं.
सावन के पहले सोमवार के शुभ मुहूर्त
सावन 2025 के पहले सोमवार पर भगवान शिव की पूजा के लिए कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं
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ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:10 बजे से सुबह 04:51 बजे तक
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अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:54 बजे तक
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विजय मुहूर्त- दोपहर 02:45 बजे से दोपहर 03:40 बजे तक
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अमृत चौघड़िया- सुबह 08:27 बजे से सुबह 10:06 बजे तक
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गोधूलि मुहूर्त- शाम 07:21 बजे से शाम 07:41 बजे तक
इन शुभ मुहूर्तों में पूजा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
सावन में भगवान शिव की पूजा के दौरान मंत्र जाप का विशेष महत्व है. निम्नलिखित मंत्रों का जाप भक्तों को शिव की कृपा और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है:ॐ नमः शिवाय
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्. उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
ॐ पषुप्ताय नमः
ॐ नमो भगवते रुद्राये..
ॐ हौं जूं सः ..
श्री महेश्वराय नम:..
श्री सांबसदाशिवाय नम:..
श्री रुद्राय नम:..
ये मंत्र भगवान शिव की भक्ति को गहरा करते हैं और साधक को आत्मिक शांति प्रदान करते हैं.
सावन सोमवार की पूजा विधिसावन के पहले सोमवार पर शिव जी की पूजा करने की विधि इस प्रकार है
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डेली स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें.
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भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा का संकल्प लें.
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विधि-विधान से शिवलिंग पर फूल, धूप, गंध, बेलपत्र, शमी पत्र और जल अर्पित करें.
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शिवलिंग पर जलाभिषेक करें और उपरोक्त मंत्रों का जाप करें.
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देसी घी का दीपक जलाएं और शिव आरती करें.
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व्रत के दौरान शिव चालीसा का पाठ करें, जो अत्यंत शुभ और कल्याणकारी माना जाता है.
इस विधि से पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.
सावन सोमवार व्रत का महत्व
सावन सोमवार का व्रत केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मसंयम और आध्यात्मिक साधना का प्रतीक है. महिलाएं इसे अपने पति की दीर्घायु और सुखी जीवन के लिए रखती हैं, जबकि पुरुष इसे शक्ति और शांति की प्राप्ति के लिए करते हैं. कुंवारी कन्याएं योग्य वर की कामना के साथ इस व्रत को श्रद्धापूर्वक निभाती हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार, माता पार्वती ने भी भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए सावन सोमवार का व्रत रखा था. यह व्रत भक्तों को आस्था, संयम और आत्मशुद्धि का मार्ग दिखाता है, जो शिव तत्व के साथ एकाकार होने में सहायक है.
सावन के पहले सोमवार पर पांच शुभ योग
इस बार सावन का पहला सोमवार और भी विशेष है, क्योंकि इस दिन पांच शुभ योगों का संयोग बन रहा है. ये योग हैं
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सौभाग्य योग
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धनिष्ठा योग
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शिव वास योग
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गजानन संकष्टी चतुर्थी का संयोग
ये शुभ योग इस दिन की पूजा और व्रत को और अधिक फलदायी बनाते हैं, जिससे भक्तों को भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है.


