राधा अष्टमी की रात दीपक जलाएं, दुख और विपत्तियों से मिलेगा छुटकारा... घर में होगी घन की वर्षा
राधा अष्टमी 2025 पर दीपक जलाने की परंपरा को विशेष महत्व दिया गया है. इस दिन मुख्य द्वार, तुलसी के पास, रसोई, जल स्थान और राधा-कृष्ण के समक्ष दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा, सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है. यह पर्व भक्ति, प्रेम और आध्यात्मिक ऊर्जा को जागृत करता है, जिससे जीवन के कष्ट दूर होते हैं और सौभाग्य बढ़ता है.

Radha Ashtami 2025 : देशभर में हर साल राधा अष्टमी का त्योहार भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को बड़ी ही श्रद्धा और भक्ति के साथ धूमधाम से मनाया जाता है. यह दिन श्री राधा रानी के जन्मोत्सव के रूप में जाना जाता है, जो प्रेम, भक्ति और सौभाग्य का प्रतीक है. राधा रानी को भगवान श्रीकृष्ण की आत्मा और उनकी लीला की सहचरी माना जाता है. इस दिन राधा-कृष्ण की पूजा करने से भक्तों को विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
राधा अष्टमी की रात को दीपक जलाने की परंपरा भी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. विशेष रूप से कुछ स्थानों पर दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और जीवन की कई परेशानियां स्वतः ही दूर हो जाती हैं.
मुख्य द्वार के दोनों और जलाएं घी का दीपक
तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाना अत्यंत शुभ
राधा-कृष्ण के सामने दीपक, भक्ति और प्रेम की वृद्धि
इस पावन अवसर पर राधा-कृष्ण के चित्र या मूर्ति के सामने एक घी का दीपक जलाने से रिश्तों में मिठास और आपसी प्रेम बढ़ता है. दीपक जलाते समय अगर भक्त "राधे राधे" या श्रीकृष्ण मंत्रों का जाप करें, तो मानसिक शांति के साथ-साथ आत्मिक आनंद की प्राप्ति भी होती है. यह साधना व्यक्ति के मन को निर्मल और प्रेम से भर देती है.
रसोई घर में दीपक, अन्नपूर्णा का आशीर्वाद
रसोई को हमेशा से ही अन्नपूर्णा देवी का स्थान माना गया है. राधा अष्टमी की रात रसोई में दीपक जलाने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती. यह दीपक घर की आर्थिक स्थिति को भी स्थिर करता है और परिवार के सभी सदस्यों के स्वास्थ्य में सुधार लाने वाला माना जाता है. यह एक प्रकार से घर की समृद्धि को अक्षुण्ण बनाए रखने का साधन बन जाता है.
जल के पास दीपक, शुद्धता और बाधाओं से मुक्ति
घर में जहां भी जल का स्थान हो – जैसे रसोई का वॉटर फिल्टर, हैंडपंप, या घर के बाहर की जल स्रोत – वहां राधा अष्टमी की रात दीपक जलाने से जीवन की कई परेशानियां स्वतः कम हो जाती हैं. जल तत्व को धन और जीवन का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इस स्थान पर दीपक जलाने से घर में स्थायित्व, शांति और उन्नति बनी रहती है.
राधा अष्टमी की रात का आध्यात्मिक संदेश
राधा अष्टमी का पर्व केवल राधा रानी के जन्म का उत्सव नहीं है, बल्कि यह दिन हमें यह सिखाता है कि कैसे भक्ति, प्रेम, त्याग और संयम के माध्यम से जीवन में खुशहाली लाई जा सकती है. दीपक जलाना केवल एक धार्मिक कर्मकांड नहीं, बल्कि एक ऊर्जा जागरण का माध्यम है, जो हमारे जीवन को भीतर से प्रकाशित कर सकता है.


