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Mahashivratri 2025: आज महाशिवरात्रि का महापर्व, इस 4 मुहूर्त में करें पूजा, जानें भद्रा का समय और दुर्लभ योग

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि पर इस बार भद्रा का प्रभाव रहेगा, लेकिन भगवान शिव की पूजा पर इसका कोई असर नहीं होगा. भक्त पूरे दिन और रात शिव अराधना कर सकते हैं. इस शुभ अवसर पर दुर्लभ ग्रह संयोग भी बन रहे हैं, जिससे इस पर्व का महत्व और अधिक बढ़ गया है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

Mahashivratri 2025: आज देश भर में महाशिवरात्रि के पर्व को लेकर लोगों में अलग उत्साह देखने को मिल रहा है. इस पर्व को आज पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है. यह दिन भोलेनाथ की पूजा के लिए समर्पित है. इस दिन शिव भक्त उपवास रखते हैं, जलाभिषेक करते हैं और महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना करते हैं.

इस बार महाशिवरात्रि पर भद्रा का साया बना हुआ है, जिससे कई श्रद्धालु पूजा के शुभ मुहूर्त को लेकर भ्रमित हो सकते हैं. लेकिन ज्योतिषीय गणना के अनुसार, महादेव की पूजा पर भद्रा का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, और भक्त पूरी श्रद्धा से शिव आराधना कर सकते हैं. 

महाशिवरात्रि पर भद्रा का समय  

ज्योतिषियों के अनुसार, 26 फरवरी 2025 को प्रातः 11:08 बजे से रात्रि 10:05 बजे तक भद्रा का प्रभाव रहेगा. लेकिन भगवान शिव को कालों के काल महाकाल कहा जाता है, इसलिए उनकी पूजा पर भद्रा का कोई असर नहीं होगा. श्रद्धालु दिनभर भोलेनाथ की आराधना कर सकते हैं.

चार प्रहर की पूजा का सही समय  

महाशिवरात्रि पर चार प्रहर में शिव पूजन करना बेहद शुभ माना जाता है. इस दौरान भक्तों को शिव मंत्रों का जाप करना चाहिए.

- प्रथम प्रहर पूजा: शाम 06:29 बजे से रात 09:34 बजे तक  

- द्वितीय प्रहर पूजा: रात 09:34 बजे से 27 फरवरी सुबह 12:39 बजे तक  

- तृतीय प्रहर पूजा: 27 फरवरी रात 12:39 बजे से सुबह 03:45 बजे तक  

- चतुर्थ प्रहर पूजा: 27 फरवरी सुबह 03:45 बजे से 06:50 बजे तक  

शिव पूजा का विशेष निशिता काल मुहूर्त  

महादेव की पूजा के लिए निशिता काल अत्यंत शुभ माना जाता है. इस साल महाशिवरात्रि पर निशिता काल का समय इस प्रकार रहेग.

- मध्यरात्रि निशिता काल पूजा मुहूर्त: 26 फरवरी 2025, रात 12:09 से 12:59 बजे तक  

- पूजा की कुल अवधि: 50 मिनट  

ग्रहों का दुर्लभ संयोग, बढ़ेगी शिव पूजा की शुभता  

महाशिवरात्रि 2025 पर एक दुर्लभ ग्रह योग बन रहा है, जो इस पर्व को और भी शुभ बना रहा है.  

- शुक्र उच्च राशि मीन में होंगे, जिससे मालव्य राजयोग बनेगा.  

- मीन राशि में शुक्र-राहु की युति होगी, जो इस योग को और प्रभावशाली बनाएगी.  

- कुंभ राशि में सूर्य-शनि की युति होगी, जिससे इस दिन का महत्व और बढ़ जाएगा.  

- बुध भी कुंभ राशि में मौजूद होंगे, जिससे त्रिग्रही योग और बुधादित्य योग का निर्माण होगा.  

इस विशेष संयोग के चलते महाशिवरात्रि पर पूजा और व्रत करने से दोगुना फल मिलने की संभावना है.

महाशिवरात्रि व्रत पारण का समय  

जो भक्त महाशिवरात्रि का व्रत रख रहे हैं, वे अगले दिन शुभ मुहूर्त में पारण कर सकते हैं.  

- व्रत पारण का समय: 27 फरवरी को सुबह 06:48 बजे से 08:54 बजे तक  

चार प्रहर की पूजा में इन मंत्रों का करें जाप  

महाशिवरात्रि की रात चार प्रहर की पूजा में विशेष मंत्रों का जाप करने से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है.  

- प्रथम प्रहर: "ह्रीं ईशानाय नमः"  

- द्वितीय प्रहर: "ह्रीं अघोराय नमः"  

- तृतीय प्रहर: "ह्रीं वामदेवाय नमः"  

- चतुर्थ प्रहर: "ह्रीं सद्योजाताय नमः"  

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26 February 2025, 06:45 AM IST

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