Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या के दिन भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना हो जाएंगे कंगाल; जानें महत्व
Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या के अवसर पर स्नान और दान करने से पुण्य के फल कई गुना बढ़ जाते हैं. इस दिन पितृ अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए धरती पर आते हैं. इसलिए, इस दिन कुछ विशेष कार्यों से बचना चाहिए.

Mauni Amavasya 2025: हिंदू धर्म में माघ माह की मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है. इसे माघी अमावस्या भी कहा जाता है. इस दिन स्नान और दान का अद्भुत महत्व है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों मकर राशि में गोचर करते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा और अधिक प्रभावी हो जाती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, पिंडदान, तर्पण और दान-पुण्य करना अत्यंत शुभ माना गया है.
मौनी अमावस्या पर न करें ये कार्य
- तामसिक भोजन से परहेज करें: इस दिन मांस, मछली और मदिरा का सेवन न करें.
- पूर्वजों के लिए बुरा न बोलें: पितरों की नाराजगी से बचने के लिए उनके बारे में कुछ भी नकारात्मक न कहें.
- जानवरों को कष्ट न दें: कुत्ते, गाय और कौवे को चोट या कष्ट न पहुंचाएं.
- पिंडदान और तर्पण न भूलें: अमावस्या पर पितरों के तर्पण और दान को न करना बड़ी गलती मानी जाती है.
- गंदगी से बचें: घर और आस-पास की जगह को साफ रखें.
मौनी अमावस्या पर जरूर करें ये काम
- दान-पुण्य करें: जरूरतमंदों को अनाज, वस्त्र, चावल और तिल का दान करें.
- स्नान-दान: गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करें.
- पशु-पक्षियों को भोजन कराएं: गाय, कुत्ते और कौवे को भोजन देना पितरों को प्रसन्न करता है.
- दीया जलाएं: घर के बाहर दक्षिण दिशा में, पीपल के पेड़ के नीचे या नदी किनारे तेल का दीपक जलाएं.
(Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)


