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कौन सा रुद्राक्ष किस राशि के लिए शुभ है? सावन में धारण से होगा लाभ

सावन में रुद्राक्ष धारण करना भगवान शिव की विशेष कृपा पाने का सबसे प्रभावशाली माध्यम माना जाता है. इस पवित्र माह में रुद्राक्ष को धारण करने से ना सिर्फ मानसिक शांति मिलती है, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा भी बढ़ती है. रुद्राक्ष को शिव का प्रतिरूप माना गया है और इसकी पूजा और धारणा के लिए खास विधियां और नियम निर्धारित किए गए हैं. जानिए कैसे सावन 2025 में विधिपूर्वक रुद्राक्ष धारण करें.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

सावन मास शिवभक्तों के लिए बेहद पावन माना जाता है. इस महीने में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है और रुद्राक्ष धारण करना बहुत ही पुण्यदायी माना जाता है. रुद्राक्ष को शिव का आभूषण कहा गया है और इसकी उत्पत्ति भी शिव के नेत्रों से मानी जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रुद्राक्ष धारण करने के लिए कुछ विशेष नियम होते हैं, जिन्हें अपनाने से इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है.

तंत्र शास्त्र के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने के पीछे विशेष प्रक्रिया बताई गई है, जो न केवल इस दिव्य माला को शिवमय बनाती है बल्कि व्यक्ति को मानसिक, आध्यात्मिक और आधिदैविक बल भी प्रदान करती है. आइए जानते हैं सावन 2025 में रुद्राक्ष धारण करने की सही विधि, नियम और राशि के अनुसार मंत्र.

रुद्राक्ष धारण करने के नियम

रुद्राक्ष को धारण करने का सबसे शुभ समय सावन मास में होता है.

रुद्राक्ष की माला पूर्णत: अखंडित और शुद्ध होनी चाहिए.

इसे रवि पुष्य योग, सोम पुष्य योग या सोमवार को लाना श्रेष्ठ होता है.

माला को गंगाजल से धोकर थाली में रखें और स्नान के बाद शुद्ध जल, दूध और चंदन मिश्रित जल से स्नान कराएं.

रुद्राक्ष पर श्वेत पुष्प, धतूरा, मदार, अक्षत, बेलपत्र चढ़ाएं और धूप-दीप दिखाकर आरती करें.

पूजन के दौरान ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र या राशि अनुसार विशेष मंत्र का जाप करें.

शिवजी से करें विशेष प्रार्थना

रुद्राक्ष की पूजा के बाद शिवजी से प्रार्थना करें कि हे शिवजी आप कृपा करके इस रुद्राक्ष माला में निवास कीजिए, इसे अपने दिव्य प्रभाव से शक्तिशाली बनाइये. मैं इसे धारण कर सदा आपका कृपा पात्र बनूं और मेरी सर्वत्र रक्षा हो.”

मंत्र जाप और हवन की प्रक्रिया

माला को धूप के धुएं से शोधित करें.

सुमेरू को माथे से लगाएं और 11 माला मंत्र जाप करें.

फिर 21 आहुतियों से हवन करें और ब्राह्मण को भोजन और दक्षिणा दें.

अंत में माला को शिवजी की प्रतिमा से स्पर्श कराएं और मंत्र पढ़ते हुए धारण करें.

भस्म का तिलक लगाकर शिवजी को नमन करें.

राशि अनुसार रुद्राक्ष मंत्र

राशि-विशेष मंत्र

मेष -ॐ हं हं नमः

वृषभ - ॐ नमः शिवाय

मिथुन -ॐ हूं नमः

कर्क -ॐ श्रीं नमः

सिंह - ॐ ह्रीं नमः

कन्या -ॐ ऐं ह्रीं श्रीं

तुला-ॐ यं नमः

वृश्चिक  -  ॐ हूं ह्रीं नमः

धनु - ॐ क्लीं नमः

मकर- ॐ कं नमः

कुंभ -ॐ गं नमः

मीन - ॐ ऐं क्लीं नमः

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04 July 2025, 01:46 PM IST

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