चीन में मिली रहस्यमयी खोपड़ी... क्या ये है नई मानव प्रजाति का खुलासा है?
चीन में मिले नए मानव जैसे जीवाश्म ने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है! ये जीवाश्म किसी भी जाने-पहचाने प्रजाति से मेल नहीं खाते. क्या ये नई मानव प्रजाति "होमो जुलुएन्सिस" हो सकते हैं? इसका मस्तिष्क आकार होमो सेपियंस से भी बड़ा है! इस खोज के पीछे छिपा हो सकता है मानव विकास का एक बड़ा रहस्य. क्या ये प्राचीन मानव डेनिसोवन्स से जुड़े हैं? जानिए इस रहस्यमयी खोज के बारे में और भी दिलचस्प बातें!

Mysterious Skull Found in China: चीन में मिले मानव जैसे जीवाश्मों की खोज ने वैज्ञानिकों को चौंका दिया है. ये जीवाश्म किसी भी ज्ञात प्रजाति से मेल नहीं खाते और अब तक जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार ये प्राचीन मानवों के हैं, जो 3 लाख से 1 लाख साल पहले यहां रहते थे. अब तक के अध्ययन से यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि ये किस प्रजाति के हैं. इस पर हवाई विश्वविद्यालय के प्रोफेसर क्रिस्टोफर बे और बीजिंग के इंस्टीट्यूट ऑफ वर्टेब्रेट पेलियोन्टोलॉजी एंड पेलियोएंथ्रोपोलॉजी के प्रोफेसर वू शियूजी शोध कर रहे हैं.
नई मानव प्रजाति का शक
इस खोज से जुड़ी सबसे बड़ी बात ये है कि वैज्ञानिकों का मानना है कि ये जीवाश्म एक नई मानव प्रजाति के हो सकते हैं. उन्होंने इसे "होमो जुलुएन्सिस" नाम दिया है, जिसका चीनी में अर्थ है ‘विशाल सिर’. इसकी सबसे खास बात है इसका विशाल मस्तिष्क, जो होमो सेपियंस से भी बड़ा माना जा रहा है. प्रोफेसर बे के अनुसार, इस जीवाश्म की खोपड़ी की अनुमानित क्षमता 1,700 से 1,800 क्यूबिक सेंटीमीटर है, जबकि होमो सेपियंस की खोपड़ी की क्षमता लगभग 1,350 क्यूबिक सेंटीमीटर होती है. इसका मतलब है कि यह प्राचीन मानव कहीं ज्यादा ताकतवर और विकसित था.
क्या ये डेनिसोवन्स से जुड़े हो सकते हैं?
चीन में मिले ये जीवाश्म डेनिसोवन्स से जुड़े हो सकते हैं. डेनिसोवन्स एक रहस्यमयी प्राचीन मानव समूह है, जिनकी खोज 2010 में साइबेरिया की डेनीसोवा गुफा से हुई थी. डेनिसोवन्स के बारे में बहुत कम जानकारी मिली है, लेकिन अब तक के अध्ययन से ये सिद्ध हो चुका है कि इनके डीएनए के निशान आज भी कई लोगों में पाए जाते हैं. कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि ये जीवाश्म उसी प्राचीन मानव समूह के हो सकते हैं.
चीन के विभिन्न क्षेत्रों में मिले जीवाश्म
इन जीवाश्मों की खोज 1970 के दशक में शांक्सी और हेबेई प्रांतों में हुई थी. इनमें 21 जीवाश्म शामिल हैं, जो 200,000 से 160,000 साल पहले के हैं. इसके अलावा, हेनान और हार्बिन में भी महत्वपूर्ण अवशेष मिले हैं. हालांकि, उस समय वैज्ञानिकों का मानना था कि मानव विकास का रास्ता अफ्रीका से शुरू होकर बाकी दुनिया में फैला था, लेकिन अब इन नई खोजों के बाद यह साबित हो रहा है कि दुनिया भर में अलग-अलग समय पर मानव प्रजातियों के विकास के संकेत मिलते हैं.
नई बहस की शुरुआत
अब जब इन रहस्यमयी जीवाश्मों पर नए सिरे से अध्ययन हो रहा है, तो यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह सचमुच एक नई प्रजाति है? या फिर यह पहले से ज्ञात प्राचीन मानव प्रजातियों का हिस्सा हैं? प्रोफेसर Xijun Ni के अनुसार, जीवाश्मों पर फिर से विचार करना वैज्ञानिकों के लिए सामान्य प्रक्रिया है, और यह समय की जरूरत भी है. इस अध्ययन से मानव विकास के बारे में बहुत कुछ नया सामने आ सकता है.
चीन में मिले इन जीवाश्मों ने वैज्ञानिकों के लिए एक नया अध्याय खोला है, जिसमें पुरानी सोच को चुनौती दी जा रही है. यह शोध आने वाले समय में मानव विकास के रहस्यों को और अधिक उजागर कर सकता है.


