'मैं सिर्फ़ तभी जश्न मनाता हूं जब...', पेरिस जाने से पहले सरबजोत सिंह कह गए थे बड़ी बात
Sarabjot Singh: पेरिस की शूटिंग रेंज में भारतीय शूटर्स का जलवा एक बार फिर देखने को मिला है. एक बार फिर शूटर्स ने ही भारत को ब्रॉन्ज मेडल जिताया है. इस बार भारतीय शूटर्स ने बाजी मारी 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड इवेंट में, जहां मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने देश को ब्रॉन्ज मेडल जिताया. इन दोनों की जोड़ी ने साउथ कोरिया के निशानेबाजों को मात दी. सरबजोत सिंह के लिए भी ये जीत बेहद खास है क्योंकि ये उनका पहला ओलंपिक मेडल है.

Sarabjot Singh: पेरिस में ओलंपिक चल रहा है. सभी भारतवासियों की नजर मेडल पर टिकी है. सभी चाहते हैं कि अधिक से अधिक मेडल हमारे देश में आए. इस बीच एक बार फिर से मनु भाकर ने इतिहास बना दिया है. पेरिस ओलंपिक में भारत ने एक और पदक जीता. ओलंपिक खेलों का आज चौथा दिन है. निशानेबाजी में भी भारत को एक और पदक मिला. मनु भाकर ने इतिहास रच दिया है. भारत ने पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित युगल में अपना दूसरा पदक जीता. मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने कांस्य पदक जीता. तो आइए जानते हैं कि सरबजोत कौन हैं जिन्होंने देश को दूसरा मेडल दिलवाया है.
सरबजोत सिंह का जन्म अंबाला के बराड़ा में हुआ था और उनकी उम्र सिर्फ 22 साल है. सरबजोत के पिता जतिंदर सिंह किसान हैं और उनकी मां हरदीप कौर हाउसवाइफ हैं. सरबजोत सिंह भले ही एक छोटे से गांव में पैदा हुए थे लेकिन उनके माता-पिता ने उन्हें कोई कमी नहीं होने दी. यहां तक कि उन्हें ट्रेनिंग के लिए दिल्ली भी भेजा. सरबजोत ने अपनी शूटिंग की ट्रेनिंग अंबाला कैंट की एआर शूटिंग एकेडमी में की है, उनके कोच का नाम अभिषेक राणा है.
सरबजोत सिंह हैं किसान के बेटे
दरअसल ये पहली बार नहीं है कि सरबजोत ने कोई मेडल हासिल किया हो. उन्होंने भोपाल वर्ल्ड कप में व्यक्तिगत 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक जीता था. उसी जगह पर वापस आकर, सरबजोत ने तय किया है कि वह ओलंपिक चयन ट्रायल में टॉप दो में शामिल होंगे. उन्होंने शनिवार को चौथे क्वालीफिकेशन राउंड में 584 अंक हासिल करके किए. जिससे उन्हें पेरिस ओलंपिक के लिए स्थान मिल गया.
ओलंपिक से पहले कही थी ये बात
इस जीत पर उन्होंने कहा था कि ऐसी छोटी-छोटी चीज़ों का जश्न मनाने का कोई मतलब नहीं है. मैं सिर्फ़ तभी जश्न मनाना पसंद करता हूं जब मैं वो सब करूं जो मैंने वाकई सपने में देखा हो. जो व्यक्ति अपने निशानेबाजी के लक्ष्यों की कल्पना करता है और तेज कारों और वीडियो गेम का शौकीन है, उसके लिए न केवल पेरिस में होना, बल्कि वहां पदक जीतना भी उतना ही महत्वपूर्ण है.