टीम इंडिया के नए स्पॉन्सर से बीसीसीआई की होगी बंपर कमाई, 1 मैच के मिलेंगे इतने करोड़ रुपये
बीसीसीआई ने टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सरशिप के लिए नए आधार मूल्य तय किए हैं. द्विपक्षीय मैचों के लिए 3.5 करोड़ और बहुपक्षीय के लिए 1.5 करोड़ रुपये रखे गए हैं. तीन साल में लगभग 130 मुकाबलों से 400 करोड़ रुपये से अधिक कमाई की उम्मीद है. ड्रीम11 की विदाई और नए नियमों के बाद कई कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है.

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी पर ब्रांडिंग अधिकार हासिल करने के इच्छुक कंपनियों के लिए नए और ऊंचे आधार मूल्य तय कर दिए हैं. यह फैसला उस समय आया है जब बोर्ड ने आगामी तीन साल के प्रायोजन चक्र के लिए बोली प्रक्रिया शुरू कर दी है.
नए आधार मूल्य तय
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीसीसीआई ने द्विपक्षीय मुकाबलों के लिए प्रति मैच 3.5 करोड़ रुपये और बहुपक्षीय मुकाबलों (आईसीसी व एसीसी टूर्नामेंट) के लिए 1.5 करोड़ रुपये का नया आरक्षित मूल्य रखा है. पहले यह रकम क्रमशः 3.17 करोड़ रुपये और 1.12 करोड़ रुपये थी. यानी, द्विपक्षीय मैचों के लिए 10 प्रतिशत से अधिक और बहुपक्षीय मुकाबलों के लिए करीब तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
स्पॉन्सरशिप दरों में अंतर का एक बड़ा कारण लोगो का दिखना है. दरअसल, द्विपक्षीय मैचों में प्रायोजकों का लोगो जर्सी के सामने दिखाई देता है, जिससे उन्हें ज्यादा प्रचार मिलता है. इसके उलट आईसीसी और एसीसी आयोजनों में ब्रांडिंग केवल आस्तीन तक सीमित रहती है, जिससे ब्रांड की पहचान सीमित रहती है.
अगले तीन साल में 130 मुकाबले
बीसीसीआई के नए प्रायोजन कार्यकाल में लगभग 130 मैच शामिल होने की संभावना है. इनमें 2026 टी20 वर्ल्ड कप और 2027 वनडे वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट भी होंगे. नए आधार मूल्य के अनुसार, बीसीसीआई इस अवधि में 400 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर सकता है. हालांकि, वास्तविक आंकड़ा नीलामी के नतीजों पर निर्भर करेगा.
एशिया कप में बिना लोगो उतरेगी टीम
बोली प्रक्रिया 16 सितंबर को तय है. इस कारण 9 सितंबर से शुरू होने वाले एशिया कप में टीम इंडिया की जर्सी पर नया प्रायोजक नहीं दिखेगा. बीसीसीआई अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि अंतरिम प्रायोजक की कोई संभावना नहीं है.
कंपनियों पर लगी पाबंदी
2 सितंबर को बीसीसीआई ने प्रमुख प्रायोजन अधिकारों के लिए ‘रुचि पत्र’ (EOI) जारी किया. इसमें साफ कहा गया कि गेमिंग, सट्टेबाजी, क्रिप्टो और तंबाकू ब्रांड इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बन सकेंगे. इसके अलावा, मौजूदा प्रायोजकों से टकराव से बचने के लिए स्पोर्ट्सवियर, बैंकिंग-फाइनेंस, बीमा, गैर-अल्कोहलिक पेय पदार्थ, मिक्सर-ग्राइंडर, पंखे और सेफ्टी लॉक बनाने वाली कंपनियों को भी प्रतिबंधित किया गया है.
ड्रीम11 की विदाई के बाद बदलाव
बीसीसीआई का यह कदम ड्रीम11 के हटने के बाद सामने आया है. दरअसल, भारत सरकार ने हाल ही में ऑनलाइन गेमिंग एक्ट 2025 लागू किया है, जिसमें असली धन से चलने वाले गेमिंग प्लेटफॉर्म के संचालन पर पाबंदी लगा दी गई. इसी वजह से फैंटेसी स्पोर्ट्स कंपनी ड्रीम11 को करार से बाहर होना पड़ा.


