पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर बॉब सिम्पसन का निधन, शानदार रहा करियर; एक कमजोर टीम को कैसे बनाया दुनिया की नंबर 1 Team?
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और कोच बॉब सिम्पसन का 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने खिलाड़ी, कप्तान और कोच के रूप में टीम को मुश्किल दौर से निकालकर विश्व क्रिकेट की ताकत बनाया. उनके नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया ने 1987 वर्ल्ड कप, 1989 एशेज और 1995 वेस्टइंडीज सीरीज जीती.

Bob Simpson Dies: ऑस्ट्रेलियाई टीम के पूर्व कप्तान और मशहूर कोच बॉब सिम्पसन का 16 अगस्त (शनिवार) को सिडनी में निधन हो गया. उनकी उम्र 89 साल थी. बतौर खिलाड़ी, कप्तान और कोच सिम्पसन ने ऐसा योगदान दिया, जिसने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को मुश्किल दौर से निकालकर एक विश्व स्तरीय टीम में बदल दिया.
शानदार बल्लेबाज और स्लिप फील्डर
बॉब सिम्पसन का टेस्ट करियर बेहद खास रहा. उन्होंने 62 टेस्ट मैचों में 46.81 की औसत से 4869 रन बनाए, जिसमें 10 शतक और 27 अर्धशतक शामिल रहे. उनकी सबसे यादगार पारी 1964 में मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ आई थी, जब उन्होंने 311 रन ठोके. यह पारी आज भी एशेज इतिहास की महान पारियों में गिनी जाती है. उन्होंने दो वनडे मैच भी खेले और 36 रन बनाए. बल्लेबाजी के अलावा वे शानदार स्लिप फील्डर और उपयोगी लेग स्पिनर भी रहे. टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम 71 विकेट दर्ज हैं जबकि वनडे में उन्होंने 2 विकेट चटकाए.
कप्तानी की अहम भूमिका
सिम्पसन ने दिसंबर 1957 में जोहानिसबर्ग में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया और अप्रैल 1978 में जमैका के किंग्स्टन में वेस्टइंडीज के खिलाफ आखिरी टेस्ट खेला. उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम की 39 टेस्ट मैचों में कप्तानी की, जिसमें टीम ने 12 मैच जीते और 12 में हार का सामना किया. 15 टेस्ट ड्रॉ रहे. वनडे में उनकी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने दो मैच खेले, जिसमें एक जीत और एक हार दर्ज हुई. हालांकि उन्होंने 1968 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था, लेकिन कैरी पैकर की वर्ल्ड सीरीज के दौरान जब ऑस्ट्रेलियाई टीम संकट में थी, तब वे दोबारा मैदान में लौटे और टीम की कप्तानी संभाली.
कोचिंग करियर से बदली ऑस्ट्रेलियाई टीम की तस्वीर
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद बॉब सिम्पसन ने कोचिंग को अपनाया और वहीं से उनकी दूसरी पारी की शुरुआत हुई. उन्हें 1986 में ऑस्ट्रेलियाई टीम का हेड कोच नियुक्त किया गया. उस समय टीम का मनोबल बेहद गिरा हुआ था, लेकिन सिम्पसन ने खिलाड़ियों में नया आत्मविश्वास जगाया. उनकी कोचिंग में कप्तान एलन बॉर्डर के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलिया ने 1987 का वनडे विश्व कप जीता. इसके बाद 1989 में इंग्लैंड से एशेज सीरीज जीतकर टीम का आत्मविश्वास और मजबूत हुआ. 1995 में वेस्टइंडीज को उसकी धरती पर हराकर इतिहास रच दिया. सिम्पसन की कोचिंग में ही स्टीव वॉ, शेन वॉर्न और ग्लेन मैक्ग्रा जैसे दिग्गज खिलाड़ी निखरकर सामने आए, जिन्होंने बाद में ऑस्ट्रेलिया को लंबे समय तक विश्व क्रिकेट पर हावी रखा.
बॉब सिम्पसन को मिले कई सम्मान
बॉब सिम्पसन को उनके योगदान के लिए कई सम्मान मिले. 1965 में उन्हें विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर चुना गया. बाद में उन्हें ICC हॉल ऑफ फेम और ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट हॉल ऑफ फेम में भी जगह दी गई. उनका करियर केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने टीम को टूटने से बचाया और उसे सफलता के रास्ते पर आगे बढ़ाया.


