दक्षिण अफ्रीका से शर्मनाक हार के बाद बोले गंभीर, ज़िम्मेदारी मेरी सबसे पहले टीम की नहीं
साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज 0-2 से हारने के बाद टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने जिम्मेदारी स्वीकार की। उन्होंने कहा कि हार सबकी है, लेकिन पहली मेरी।

Sports News: भारत ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों में बेहद खराब प्रदर्शन किया। कोलकाता में पहला मैच तीसरे दिन 30 रनों से गंवाया गया, जबकि गुवाहाटी में दूसरा मुकाबला 408 रनों से हार मिले। यह भारत की टेस्ट इतिहास में रनों के लिहाज से सबसे बड़ी हार मानी गई। सूपड़ा साफ होने के बाद गौतम गंभीर मीडिया के सामने आए और बोले कि हार की जिम्मेदारी सबकी है, लेकिन सबसे पहले उनकी है। उनका कहना था कि कोच होने के नाते टीम का प्रदर्शन उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है।
क्या ट्रांजिशन में फंस गई टीम इंडिया?
विराट कोहली, रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन जैसे दिग्गजों के टेस्ट से संन्यास लेने के बाद टीम बदलाव के दौर में है। गंभीर ने कहा कि उन्हें 'ट्रांजिशन' शब्द पसंद नहीं क्योंकि यह बहाना नहीं होना चाहिए। उन्होंने बताया कि युवा खिलाड़ी सीख रहे हैं और उन्हें समय देने की जरूरत है। हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि खराब प्रदर्शन को ट्रांजिशन के नाम पर छिपाया नहीं जा सकता।
क्या हालिया सफलताओं ने दी झूठी उम्मीद?
गंभीर ने याद दिलाया कि इसी साल भारत ने एशिया कप और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीती। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज ड्रॉ हुई। उन्होंने कहा कि वही व्यक्ति हूं जिसके अंडर में भारत ने इंग्लैंड में अच्छा खेल दिखाया और दो बड़े खिताब जीते। लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि सफलताएं अब पिछली बात हो चुकी हैं और मौजूदा हार गंभीर चिंता का विषय है।
गुवाहाटी टेस्ट में क्या हुआ अनहोनी?
गुवाहाटी में भारत को 549 रनों का विशाल लक्ष्य मिला। पांचवे दिन टीम 63.3 ओवर में सिर्फ 140 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। साउथ अफ्रीका के ऑफ स्पिनर साइमन हार्मर ने 37 रन देकर छह विकेट लिए और सीरीज 2-0 जीत ली। उन्होंने मैच में कुल नौ विकेट चटकाए। भारतीय बल्लेबाजी बुरी तरह फ्लॉप रही और संघर्ष केवल रविंद्र जडेजा ने दिखाया जिन्होंने 87 गेंदों में 54 रन बनाए।
क्या फील्डिंग ने भी दिया साथ छोड़?
साउथ अफ्रीका के एiden मार्क्रम ने फील्डिंग में कमाल दिखाया। उन्होंने एक टेस्ट मैच में नौ कैच लेकर रिकॉर्ड बनाया। इससे पहले भारत के अजिंक्य रहाणे ने 2015 में आठ कैच लिए थे। मार्क्रम के इस प्रदर्शन ने भारत की कमजोर फील्डिंग पर भी सवाल खड़े कर दिए। इस सीरीज में भारतीय क्रिकेट टीम का शरीर ही नहीं, मानसिक रूप से भी दबाव में दिखा।
क्या टीम में रणनीति की कमी दिखी?
विश्लेषकों का मानना है कि टीम में संयोजन ठीक नहीं था। गेंदबाजी आक्रमण कमजोर लगा और बल्लेबाजी में धैर्य नजर नहीं आया। गंभीर ने माना कि रणनीति बेहतर हो सकती थी। उन्होंने कहा कि अगर शुरुआत में ही मैच पर पकड़ बनती तो हालात अलग हो सकते थे। उन्हें भरोसा है कि युवा खिलाड़ी सीखकर मजबूती से लौटेंगे।
क्या अगले सीरीज में दिखेगा बदलाव?
गंभीर ने कहा कि हार से सीखना होगा और आगे की तैयारी अभी से शुरू करनी होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि बहाने नहीं चलेंगे, परिणाम देने होंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि टीम इंडिया वापसी करेगी और आने वाली सीरीज में दमदार प्रदर्शन के साथ लौटेगी। उन्होंने कहा कि जिम्मेदारी स्वीकार करना पहला कदम है, अब सुधार पर ध्यान देना होगा।


