भारत दौरे पर रूसी राष्ट्रपति, सुरक्षा के साथ-साथ भोजन व्यवस्था के कड़े प्रोटोकॉल...पुतिन के हर निवाले को पहले चखता है रखवाला
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर आए हैं और उनकी सुरक्षा एवं भोजन व्यवस्था चर्चा में है. विदेश यात्राओं में पुतिन हमेशा अपने निजी शेफ, फूड-टेस्टिंग टीम और मोबाइल लैब के साथ चलते हैं. उनका भोजन सैन्य स्तर की जांच से गुजरता है और अधिकतर भोजन उनकी टीम ही तैयार करती है.

नई दिल्ली : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं और इस यात्रा पर दुनियाभर की नजरें टिकी हुई हैं. राजनीतिक व रणनीतिक चर्चाओं के साथ-साथ उनकी सुरक्षा, निजता और विशेषकर भोजन व्यवस्था भी वैश्विक चर्चा का विषय बनी हुई है. पुतिन दुनिया के उन नेताओं में शामिल हैं जो विदेश यात्राओं के दौरान सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्क रहते हंक और अपने भोजन के मामले में किसी भी प्रकार का जोखिम उठाना पसंद नहीं करते.
पुतिन की कड़ी भोजन सुरक्षा व्यवस्था
टीम स्वयं तैयार करती है खाना
रिपोर्ट्स बताती हैं कि पुतिन शायद ही कभी किसी मेजबान देश के शेफ द्वारा पकाया गया भोजन खाते हैं. उनकी टीम वह खाना स्वयं तैयार करती है और इसे सैन्य स्तर की जांच से गुजरना होता है. उनके साथ हमेशा मोबाइल फूड-टेस्टिंग लैब रहती है, जो हर भोजन की जांच तुरंत करने में सक्षम होती है. उन्हें परोसे जाने वाले भोजन का कच्चा सामान भी या तो रूस से लाया जाता है या मेजबान देश से अत्यधिक जांच के बाद ही खरीदा जाता है. यह पूरी प्रक्रिया इसलिए अपनाई जाती है ताकि किसी भी तरह का स्वास्थ्य या सुरक्षा जोखिम न हो.
यूक्रेन युद्ध के बाद और भी बढ़ी सतर्कता
यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पुतिन ने विदेश दौरों को काफी सीमित कर दिया है. जब भी वे विदेश जाते हैं, सुरक्षा उपायों का स्तर कई गुना बढ़ जाता है. उनकी टीम भोजन तैयार करने से लेकर परोसने तक हर चरण पर सख्त नजर रखती है. राजकीय भोजों में भी पुतिन आमतौर पर या तो बहुत कम भोजन लेते हैं या फिर वही भोजन लेते हैं जिसे उनकी अपनी टीम ने तैयार किया होता है.
कौन-सी डाइट लेते हैं पुतिन?
सुरक्षा व्यवस्था जितनी कड़ी है, पुतिन की डाइट उतनी ही साधारण और हेल्दी मानी जाती है. रूसी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार नाश्ते में वह त्वरोग (रूसी पनीर) को शहद या दलिया के साथ खाते हैं. इसके साथ ताजा जूस लिया जाता है. कभी-कभी कच्चे अंडे या ऑमलेट भी उनके नाश्ते का हिस्सा होते हैं. उनकी डाइट में हाई प्रोटीन और लो फैट भोजन शामिल होता है. दोपहर और रात के भोजन में वे लाल मांस की जगह मछली को प्राथमिकता देते हैं. सलाद, खासकर टमाटर और साधारण सब्जियों वाले सलाद, उनके रोजमर्रा के भोजन में शामिल रहते हैं.
भारत दौरे में भोजन व्यवस्था पर ज्यादा फोकस क्यों?
क्योंकि पुतिन दुनिया के सबसे अधिक सुरक्षा-सतर्क नेताओं में गिने जाते हैं. भारत का यह दौरा उनके लिए रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है, और ऐसे में भोजन जैसी छोटी सी बात भी सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी जिम्मेदारी बन जाती है. उनकी टीम पहले से ही भारत में हर भोजन व्यवस्था पर नजर रखती है ताकि सभी सुरक्षा मानकों का पालन हो सके.


