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Ind vs Eng 4th Test: मैनचेस्टर में शतक जड़ गिल ने की सर डॉन ब्रैडमेन की बराबरी, बनाया ये खास रिकॉर्ड

शुभमन गिल ने मैनचेस्टर टेस्ट की दूसरी पारी में शतक लगाकर डॉन ब्रैडमैन और सुनील गावस्कर के रिकॉर्ड की बराबरी की. उन्होंने टेस्ट सीरीज़ में बतौर कप्तान 4 शतक लगाकर भारत को संकट से उबारा. गिल और राहुल की साझेदारी ने टीम को स्थिरता दी और गिल ने खुद को विश्वस्तरीय नेता के रूप में साबित किया.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

भारतीय टेस्ट कप्तान शुभमन गिल ने मैनचेस्टर में खेले जा रहे चौथे टेस्ट की दूसरी पारी में शानदार शतक जड़ते हुए न केवल मैच में टीम को संभाला, बल्कि एक बड़ा विश्व रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया. गिल ने इस शतक के साथ डॉन ब्रैडमैन और सुनील गावस्कर के उस संयुक्त रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है, जिसमें किसी एक टेस्ट सीरीज़ में एक कप्तान द्वारा सबसे ज़्यादा (चार) शतक लगाए गए हैं.

कप्तानों द्वारा एक टेस्ट सीरीज़ में सबसे ज़्यादा शतक

शुभमन गिल अब उस विशिष्ट सूची में शामिल हो गए हैं, जिसमें अब तक सिर्फ दो दिग्गजों सर डॉन ब्रैडमैन और सुनील गावस्कर के नाम दर्ज थे. इस सूची में शामिल हैं-

  • शुभमन गिल – 4 शतक बनाम इंग्लैंड (2025, इंग्लैंड में)
  • डॉन ब्रैडमैन – 4 शतक बनाम भारत (ऑस्ट्रेलिया में)
  • सुनील गावस्कर – 4 शतक बनाम वेस्टइंडीज (भारत में)

गिल का यह प्रदर्शन उन्हें न केवल भारतीय क्रिकेट इतिहास में, बल्कि विश्व क्रिकेट की बड़ी हस्तियों की कतार में ला खड़ा करता है.

संकट की घड़ी में कप्तान की मजबूती

जब भारत ने दूसरी पारी की शुरुआत की, तो पहले ही ओवर में दो अहम विकेट गिर चुके थे. टीम संकट में थी और इंग्लैंड का दबदबा साफ दिख रहा था. ऐसे समय में कप्तान शुभमन गिल और अनुभवी बल्लेबाज़ केएल राहुल ने पारी को संभाला. दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 188 रनों की बेहतरीन साझेदारी की और भारतीय पारी को फिर से स्थिरता दी. गिल ने अपने शॉट चयन में परिपक्वता और गेंदबाज़ी को पढ़ने में सूझबूझ दिखाई. उन्होंने तेज़ गेंदबाज़ों के खिलाफ धैर्य से खेलते हुए और स्पिनर्स के सामने लाजवाब फुटवर्क दिखाकर अपने शतक की ओर कदम बढ़ाए.

गिल-राहुल की साझेदारी ने संकट से उबारा

चौथे दिन की शुरुआत में इंग्लैंड के गेंदबाज़ नई गेंद से आक्रमण की पूरी कोशिश कर रहे थे. लेकिन गिल और राहुल की जोड़ी ने पहले उस दबाव को झेला, फिर जैसे-जैसे गेंद पुरानी होती गई, रनगति को बेहतर किया. दोनों ने इंग्लैंड की योजना को नाकाम करते हुए अपने अनुभव और तकनीक का उपयोग किया. गिल की यह पारी केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि भारतीय टीम की वापसी की नींव भी है. उन्होंने दिखा दिया कि कप्तानी का दबाव उनके खेल में कोई कमी नहीं ला सकता, बल्कि यह उन्हें और मजबूत बनाता है.

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27 July 2025, 05:21 PM IST

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