करुण नायर की 8 साल बाद टीम इंडिया में वापसी, रोहित-कोहली युग के बाद BCCI ने इंग्लैंड सीरीज के लिए टीम का किया ऐलान
भारतीय क्रिकेट ने शुभमन गिल को नया टेस्ट कप्तान बनाकर एक नया युग शुरू किया है. रोहित शर्मा, विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन के संन्यास के बाद टीम में युवा खिलाड़ियों को जिम्मेदारी मिली है. ऋषभ पंत को उपकप्तान बनाया गया है, जबकि करुण नायर आठ साल बाद वापसी कर रहे हैं. इंग्लैंड में जून से अगस्त 2025 तक पांच टेस्ट मैच होंगे. यह दौरा भारतीय टेस्ट क्रिकेट के लिए बड़ी चुनौती और नई उम्मीद लेकर आया है.

भारतीय क्रिकेट ने शनिवार को एक नए युग की शुरुआत की जब बीसीसीआई ने इंग्लैंड में होने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए नई टीम का ऐलान किया. इस टीम में शुभमन गिल को नया टेस्ट कप्तान नियुक्त किया गया है. यह घोषणा भारतीय क्रिकेट के लाल गेंद वाले प्रारूप में पीढ़ीगत बदलाव का संकेत है. पिछले दशक से अधिक समय में पहली बार ऐसा हुआ है कि टीम में न तो रोहित शर्मा, न विराट कोहली और न रविचंद्रन अश्विन शामिल हैं, जिन्होंने हाल के महीनों में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया.
नए कप्तान का आगमन
25 वर्षीय शुभमन गिल को रोहित शर्मा की जगह कप्तानी मिली है. रोहित ने अपने 11 साल के टेस्ट करियर में 67 मैच खेले और 4,300 से अधिक रन बनाए. उन्होंने इस महीने की शुरुआत में संन्यास लिया. उनके ठीक बाद विराट कोहली ने भी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर एक युग का अंत किया. कोहली ने 123 टेस्ट मैच खेले और भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक महान बल्लेबाज के तौर पर अपनी छाप छोड़ी. रविचंद्रन अश्विन ने भी पिछले साल दिसंबर में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर इस पीढ़ी के कई सितारों को विदा कर दिया. अब भारत एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है, जहां युवा खिलाड़ियों को जिम्मेदारी संभालनी होगी.
करुण नायर की वापसी
टीम में करुण नायर को भी शामिल किया गया है, जो आठ साल बाद भारतीय टेस्ट टीम में वापसी कर रहे हैं. नायर ने आखिरी बार मार्च 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच खेला था. उन्होंने घरेलू क्रिकेट में अपने शानदार प्रदर्शन के चलते इस बार टीम में जगह बनाई है. विदर्भ की तरफ से रणजी ट्रॉफी में नायर ने 863 रन बनाए और 53 से अधिक की औसत से खेलते हुए टीम को खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई. उनकी वापसी टीम के लिए अनुभवी विकल्प साबित हो सकती है.
ऋषभ पंत की उपकप्तानी
इस टेस्ट सीरीज में शुभमन गिल के डिप्टी के रूप में ऋषभ पंत को चुना गया है. पंत ने पिछले कुछ वर्षों में टेस्ट क्रिकेट में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. खासकर 2018-19 और 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनके मैच जीताने वाले प्रदर्शन यादगार रहे. हालांकि हाल ही में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में उनका प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहा, इसके बावजूद बीसीसीआई ने उन्हें नेतृत्व की भूमिका सौंपी है. यह निर्णय युवा खिलाड़ियों पर बोर्ड के भरोसे को दर्शाता है.
इंग्लैंड दौरे की अहमियत
यह दौरा जून से अगस्त 2025 तक चलेगा, जिसमें भारत पांच टेस्ट मैच खेलेगा. ये मैच हेडिंग्ले, एजबेस्टन, लॉर्ड्स, ओल्ड ट्रैफर्ड और द ओवल जैसे प्रतिष्ठित मैदानों पर होंगे. यह भारत की ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद पहली द्विपक्षीय लाल गेंद की सीरीज होगी. भारत को पिछली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 3-1 से हार का सामना करना पड़ा था, जिसने टीम को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने से रोक दिया. इस चुनौतीपूर्ण दौर में भारतीय टीम को अपने नए नेतृत्व के साथ बेहतर प्रदर्शन करना होगा.
नया दौर, नई उम्मीदें
रविचंद्रन अश्विन, विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के संन्यास के बाद भारतीय टेस्ट टीम में नई पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिए जिम्मेदारी बढ़ गई है. शुभमन गिल की कप्तानी में टीम को युवा जोश और अनुभव का संतुलन बनाना होगा. ऋषभ पंत की उपकप्तानी से टीम में आक्रामकता और संतुलन दोनों आने की उम्मीद है. करुण नायर जैसे अनुभवी खिलाड़ी टीम की बल्लेबाजी और रणनीति को मजबूत कर सकते हैं.
भारत के लिए यह दौर बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इंग्लैंड की धरती पर खेलना हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है. नए कप्तान शुभमन गिल और उनकी टीम पर यह जिम्मेदारी है कि वे भारतीय टेस्ट क्रिकेट को फिर से शीर्ष पर ले जाएं और लाल गेंद क्रिकेट में भारत की पकड़ मजबूत करें.


