'जुर्माना बेअसर, खिलाड़ी बहुत अमीर हैं,' वॉन ने गिल और स्टोक्स को आड़े हाथों लिया
लॉर्ड्स में भारत और इंग्लैण्ड के बीच टेस्ट मुकाबला खेला जा रहा है. ऐसे में टेस्ट क्रिकेट की एक बड़ी समस्या सामने आ गई है, जोकि धीमी ओवर गति है. इस पर पूर्व इंग्लैंड कप्तान माइकल वॉन ने प्रतिक्रिया दी है.

लॉर्ड्स में खेले जा रहे एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन तक भारत 242 रनों से पीछे है और उसके सात विकेट शेष हैं. मुकाबले में रोमांच और क्रिकेट की गुणवत्ता भरपूर रही, लेकिन एक बार फिर टेस्ट क्रिकेट की एक पुरानी समस्या सामने आ गई, धीमी ओवर गति.
पूर्व इंग्लैंड कप्तान माइकल वॉन ने इस मुद्दे पर गहरी चिंता जताते हुए दोनों टीमों की आलोचना की. उन्होंने कहा कि आधुनिक टेस्ट क्रिकेट में यह समस्या अब लगातार देखी जा रही है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए.
धीमी ओवर गति
मैच के पहले दिन भारत ने 83 ओवर फेंके जबकि दूसरे दिन दोनों टीमों ने मिलाकर सिर्फ 75 ओवर फेंके, जबकि टेस्ट मैच में प्रतिदिन 90 ओवर फेंके जाने का मानक है. वॉन ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि फाइन से कोई फर्क पड़ेगा. खिलाड़ी पहले से ही इतने अमीर हैं कि उन पर इसका असर नहीं होगा.
ओवर गति सुधारना जरूरी
उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए ओवर गति सुधारना जरूरी है. अगर हम पहले दिन से ही 90 ओवर फेंकने की अनिवार्यता लागू करें, तो खिलाड़ियों में खुद-ब-खुद तेज़ी आ जाएगी. वॉन ने यह भी कहा कि पांचवें दिन जब सभी को पता होता है कि 90 ओवर हर हाल में फेंकने हैं, तो खेल स्वाभाविक रूप से तेज़ होता है, ड्रिंक्स ब्रेक कम होते हैं और कोई अतिरिक्त देरी नहीं होती.
उन्होंने सुझाव दिया कि हर दिन यह नियम सख्ती से लागू किया जाना चाहिए ताकि मैच में संतुलन बना रहे और दर्शकों को भी पूरा अनुभव मिल सके. वॉन का मानना है कि नियमों का कठोर पालन ही इस समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है.


