भारत में 29 अगस्त को क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय खेल दिवस? जानिए इसका महत्व, विषय और इतिहास
हर साल 29 अगस्त को भारत राष्ट्रीय खेल दिवस मनाता है. ये दिन हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.

National Sports Day: भारत हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाता है. यह दिन हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. ध्यानचंद को अब तक के सबसे महान फील्ड हॉकी खिलाड़ियों में गिना जाता है. 1905 में जन्मे इस खिलाड़ी ने अपने शानदार कौशल से भारतीय हॉकी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. उनके नेतृत्व में भारत ने 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक खेलों में लगातार स्वर्ण पदक जीते और हॉकी में विश्व वर्चस्व कायम किया. उनके योगदान से बनी नींव ने स्वतंत्र भारत को भी 1948, 1952, 1956 और 1964 के ओलंपिक में स्वर्ण पदक दिलाए.
2025 का थीम और फिट इंडिया मिशन
इस वर्ष युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल दिवस का आयोजन फिट इंडिया मिशन के नेतृत्व में करने की घोषणा की है. इसके अंतर्गत 29 से 31 अगस्त तक एक घंटा खेल के मैदान में नामक राष्ट्रीय अभियान चलाया जाएगा. इस पहल का उद्देश्य हर नागरिक को प्रतिदिन कम से कम 60 मिनट शारीरिक गतिविधि के लिए प्रेरित करना है. मंत्रालय का मानना है कि यह प्रयास न केवल स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देगा, बल्कि जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की रोकथाम में भी मदद करेगा.
प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि फिटनेस को रोजमर्रा की आदतों का हिस्सा बनाना अब समय की आवश्यकता है. इस अभियान का मकसद आम जनता को जागरूक करना है कि नियमित व्यायाम और खेल न केवल शरीर को तंदुरुस्त रखते हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और उत्पादकता भी बढ़ाते हैं.
राष्ट्रीय खेल दिवस का इतिहास
भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस पहली बार वर्ष 2012 में मनाया गया था. तब से यह दिन सिर्फ ध्यानचंद को श्रद्धांजलि देने का ही नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण में खेलों की भूमिका को रेखांकित करने का भी अवसर बन गया है.
इस साल का आयोजन
सरकार ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2025 का आयोजन जनवरी में हो चुका है. अब 29 अगस्त को पूरे देश में अलग-अलग खेल गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा. इसमें नामी खिलाड़ी, खेल हस्तियां और जनप्रतिनिधि शामिल होंगे. राज्यों की राजधानियों से लेकर जिलों तक के खेल मैदानों में विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी ताकि युवाओं और नागरिकों को खेलों से जुड़ने की प्रेरणा मिले.
राष्ट्रीय खेल दिवस न केवल मेजर ध्यानचंद को याद करने का दिन है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि खेलों के बिना स्वस्थ और मजबूत भारत की परिकल्पना अधूरी है.


