गुवाहाटी से श्रीलंका तक, गौतम गंभीर के दौर की ऐतिहासिक हारें
गुवाहाटी में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत की 408 रनों से मिली करारी हार ने टीम के प्रदर्शन और गौतम गंभीर के दौर पर गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं.

गुवाहाटी में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत की 408 रनों से मिली करारी हार ने न केवल एक टेस्ट सीरीज़ का अंत किया, बल्कि टीम के प्रदर्शन और गौतम गंभीर के दौर पर गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं. कभी घरेलू मैदान पर अजेय मानी जाने वाली भारतीय टीम अब पहली बार और सबसे बड़ी हार जैसी चिंताजनक रिकॉर्ड बना रही है, जो किसी भी कोच के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति है.
घरेलू मैदान पर भारत की अब तक की सबसे बड़ी हार
गुवाहाटी टेस्ट में मिली हार भारत की घरेलू मैदान पर अब तक की सबसे बड़ी टेस्ट हार बन गई है. इस मैच के साथ ही दक्षिण अफ्रीका ने भारत में पहली बार टेस्ट सीरीज जीत दर्ज की, जो 2000 के बाद से उनके लिए यह उपलब्धि थी. 408 रनों का अंतर यह संकेत देता है कि टीम का प्रदर्शन कितनी गंभीर स्थिति में है.
भारत ने अक्टूबर 2024 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ भी 3-0 से क्लीन स्वीप के तहत घरेलू टेस्ट श्रृंखला गंवाई थी. इसके साथ ही 12 साल में पहली बार घरेलू सीरीज़ में हार झेलनी पड़ी. बेंगलुरु में 46 रन पर ऑल आउट होना घरेलू मैदान पर अब तक का सबसे कम स्कोर था. इससे यह स्पष्ट होता है कि टीम की घरेलू मजबूती कमजोर पड़ गई है.
2024-25 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया ने 3-1 से जीत दर्ज कर भारत पर 10 साल का दबदबा तोड़ दिया और टीम को डब्ल्यूटीसी फाइनल की दौड़ से बाहर कर दिया. लगातार दो घरेलू टेस्ट श्रृंखलाओं में हारने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि भारतीय टीम की स्थिरता और आत्मविश्वास पर गंभीर असर पड़ा है.
गौतम गंभीर के कार्यकाल में भारत ने केवल बांग्लादेश और वेस्टइंडीज़ जैसी निचली रैंकिंग वाली टीमों के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला जीत पाई है. शीर्ष रैंकिंग वाली टीमों- न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हर मुकाबला हारकर टीम अपनी कमजोरियों को उजागर कर चुकी है.
27 साल बाद श्रीलंका से 2-0 से हार
वनडे फॉर्मेट में भी भारत की परेशानियां बढ़ी हैं. 27 साल बाद श्रीलंका से 2-0 से हार मिली, जो भारत की पहली द्विपक्षीय वनडे सीरीज़ में हार थी. इस हार का अर्थ यह हुआ कि भारत 2024 में कोई एकदिवसीय मैच जीतने में सफल नहीं हुआ. एक ऐसा रिकॉर्ड जो 1970 के दशक के बाद पहली बार सामने आया.
साथ ही तीन मैचों की वनडे सीरीज़ में टीम अपने सभी 30 विकेट गंवाने का दुर्भाग्यपूर्ण रिकॉर्ड बना बैठी. यह दर्शाता है कि गंभीर की कप्तानी में टीम की बल्लेबाजी किसी भी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में दबाव झेलने में असफल रही.
कुल मिलाकर, गुवाहाटी में मिली हार केवल एक मैच की पराजय नहीं है. यह एक पैटर्न की ताज़ा झलक है, जिसमें भारतीय टीम लगातार घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमजोर पड़ती दिख रही है. गौतम गंभीर के नेतृत्व में टीम अभी भी कुछ जगहों पर सफलता हासिल कर रही है, लेकिन आंकड़े अब टूटे हुए किलों और बर्बाद हुई विरासत की तरह नजर आ रहे हैं.


