"Royally Challenged Bengaluru" का मजाक उड़ा, RCB ने ट्रेविस हेड के एड पर किया केस
RCB ने ट्रेविस हेड से जुड़े विज्ञापन के मामले में न्यायालय का रुख किया है. रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने इस विज्ञापन में किए गए मजाक को लेकर मामला दायर करते हुए आरोप लगाया कि विज्ञापन में इस्तेमाल की गई भाषा ने उनकी ब्रांड इमेज को नुकसान पहुँचाया है.

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और उबर इंडिया (Uber) के बीच विवाद उत्पन्न हो गया है, जो एक विज्ञापन को लेकर है. इस विज्ञापन में SRH से IPL खेल रहे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ट्रेविस हेड दिखाई दे रहे हैं. RCB का कहना है कि विज्ञापन में उनका मजाक उड़ाते हुए उन्हें "Royally Challenged Bengaluru" कहा गया, जो उनके लिए अपमानजनक था. इसे लेकर RCB ने उबर इंडिया के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है.
ट्रेडमार्क पर सीधा हमला
RCB का कहना है कि विज्ञापन में इस्तेमाल की गई भाषा ने उनकी ब्रांड इमेज को नुकसान पहुँचाया है और यह उनके ट्रेडमार्क पर सीधा हमला है. फ्रेंचाइजी ने तर्क दिया कि ऐसा जानबूझकर किया गया होगा, ताकि उनकी छवि को बिगाड़ा जा सके. इस मामले में केवल नाम का मजाक नहीं किया गया, बल्कि RCB के प्रसिद्ध स्लोगन "Ee Saala Cup Namde" का भी मजाक उड़ाया गया है. RCB का कहना है कि यह स्लोगन टीम और उनके फैंस के लिए इमोशनल जुड़ाव है और इसे व्यंग्यात्मक रूप से पेश करना उन्हें ठेस पहुंचाने जैसा है.
Breaking:
— Bar and Bench (@barandbench) April 17, 2025
Royal Challengers Bengaluru (@RCBTweets ) takes Uber @Uber_India to Delhi High Court over disparaging its trademark in an ad featuring Australian Cricketer Travis Head. RCB has contended that calling it "Royally Challenged Bengaluru" is disparaging. RCB has contended… pic.twitter.com/i4ELebCWH8
अब, इस मामले में उबर इंडिया की प्रतिक्रिया पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं. यह देखना होगा कि उबर इस विवाद को लेकर क्या कदम उठाती है. क्या वे विज्ञापन को वापस लेंगी या अपनी स्थिति को सही ठहराने के लिए कोई सफाई देंगी. IPL का रोमांच अब पूरे जोरों पर है और RCB भी अच्छा प्रदर्शन कर रही है, ऐसे में यह विवाद माहौल को और गरमा सकता है.
दिल्ली हाई कोर्ट पर नजरें
अगर अदालत RCB के पक्ष में फैसला देती है तो उबर इंडिया को ना सिर्फ विज्ञापन हटाना पड़ेगा, बल्कि माफी भी मांगनी पड़ सकती है. अब सभी की नजरें दिल्ली हाई कोर्ट पर हैं, जो इस मामले में अपना फैसला सुनाएगा.


