शिखर धवन पर गिरी ED की गाज! रैना के बाद अब गब्बर से होगी पूछताछ
पूर्व क्रिकेटर शिखर धवन अवैध सट्टेबाजी ऐप मामले में ईडी के रडार पर आ गए हैं. एजेंसी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत पूछताछ के लिए तलब किया है. माना जा रहा है कि धवन का नाम इस ऐप से विज्ञापनों के जरिए जुड़ा हुआ है.

Shikhar Dhawan: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज शिखर धवन एक बार फिर सुर्खियों में हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें अवैध सट्टेबाजी ऐप से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए तलब किया है. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, जांच एजेंसी ने यह कदम उस सिलसिले में उठाया है, जिसमें कई नामचीन हस्तियों के कथित रूप से इस ऐप से संबंध सामने आए हैं. माना जा रहा है कि 39 वर्षीय धवन इस अवैध ऐप से विज्ञापनों के जरिये जुड़े थे.
इससे पहले ईडी ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना से भी पूछताछ की थी. अधिकारियों ने उन्हें करीब 8 घंटे तक सवाल-जवाब में शामिल रखा और उनके बयान दर्ज किए. रैना से ऐप के प्रचार, उससे हुई कमाई और संचार के तरीकों को लेकर विस्तृत पूछताछ की गई थी. अब शिखर धवन से भी इसी तरह के सवाल पूछे जाने की संभावना है.
VIDEO | Delhi: Former cricketer Shikhar Dhawan arrives at Enforcement Directorate (ED) office.
The ED had summoned Dhawan for questioning in an alleged illegal betting app-linked money laundering case, official sources said. The federal probe agency will record his statement… pic.twitter.com/Oemq6zh4CN— Press Trust of India (@PTI_News) September 4, 2025
1xBet ऐप पर ED की जांच
ईडी की यह जांच अवैध सट्टेबाजी ऐप 1xBet से जुड़ी है. एजेंसी इसे धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत देख रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस ऐप से जुड़े कई लोगों पर निवेशकों को करोड़ों रुपये का चूना लगाने और कर चोरी करने के आरोप हैं.
गूगल और मेटा भी राडार पर
केवल खिलाड़ियों ही नहीं, बल्कि टेक दिग्गज कंपनियों पर भी ईडी की नजर है. हाल ही में एजेंसी ने गूगल और मेटा के प्रतिनिधियों को भी पूछताछ के लिए बुलाया था. जांच एजेंसी का कहना है कि वह इस पूरे नेटवर्क को समझने और इसके प्रचार-प्रसार से जुड़ी गतिविधियों का पता लगाने में जुटी है.
केंद्र सरकार का बड़ा कदम
ध्यान देने योग्य है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में एक नया कानून लाकर रियल मनी गेमिंग ऐप्स पर रोक लगा दी है. इसके तहत अब भारत में न तो ऐसे ऐप्स का प्रमोशन होगा और न ही लोग इन्हें कानूनी रूप से इस्तेमाल कर पाएंगे.


