92 साल पुरानी चाल! इंग्लैंड की बॉडीलाइन रणनीति पर सुनील गावस्कर ने जताई नाराजगी
लॉर्ड्स टेस्ट के तीसरे दिन इंग्लैंड की शॉर्ट-पिच गेंदबाज़ी रणनीति पर भारतीय दिग्गज बल्लेबाज़ और पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

लॉर्ड्स टेस्ट के तीसरे दिन इंग्लैंड की शॉर्ट-पिच गेंदबाज़ी रणनीति पर भारतीय दिग्गज बल्लेबाज़ और पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि इंग्लिश टीम ने चोटिल ऋषभ पंत के खिलाफ 1930 के दशक की बदनाम 'बॉडीलाइन' रणनीति को दोहराया है, जो खेल भावना के खिलाफ है.
इंग्लैंड ने अपनाई शारीरिक रूप से आक्रामक रणनीति
शनिवार को भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरे टेस्ट के दौरान, इंग्लैंड ने पंत के खिलाफ आक्रामक फील्ड सेटअप और लगातार बाउंसरों का इस्तेमाल किया. पंत, जिन्हें शुक्रवार को हाथ में चोट लगी थी, बार-बार इंग्लिश गेंदबाज़ों की शॉर्ट गेंदों से परेशान दिखे. कप्तान बेन स्टोक्स ने उनके खिलाफ लेग साइड में छह फील्डर्स लगा दिए, जिससे यह साफ़ हो गया कि इंग्लैंड पूरी तरह शारीरिक रूप से आक्रामक रणनीति अपना रहा है.
सुनील गावस्कर ने कमेंट्री के दौरान इस रणनीति की आलोचना करते हुए कहा कि यह क्रिकेट नहीं है. आज की गई 56% गेंदें शॉर्ट थीं और चार खिलाड़ी बाउंड्री पर कैच के लिए तैनात थे. पंत बार-बार चोटिल हो रहे थे और फिजियो को मैदान पर आना पड़ा.
गावस्कर ने आईसीसी की पुरुष क्रिकेट समिति के प्रमुख सौरव गांगुली से अपील की कि वह इस रणनीति पर ध्यान दें और नियमों में सुधार करें. उन्होंने कहा कि लेग साइड पर छह से ज्यादा फील्डर रखना खेल भावना के विरुद्ध है. उम्मीद है कि गांगुली इसे गंभीरता से लेंगे और अगली बार ऐसा दोहराया न जाए.
'बॉडीलाइन' रणनीति
गौरतलब है कि 1932-33 की एशेज सीरीज में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया के डॉन ब्रैडमैन को रोकने के लिए यही 'बॉडीलाइन' रणनीति अपनाई थी, जिसमें गेंदबाज बल्लेबाज के शरीर को लक्ष्य बनाकर गेंदबाज़ी करते थे. बाद में इस रणनीति की तीव्र आलोचना हुई और इसे "अनुचित खेल" करार दिया गया. इसके बाद नियमों में बदलाव कर लेग साइड पर स्क्वायर के पीछे अधिकतम दो फील्डर तक सीमित कर दिया गया.
जहां तक मैच की बात है, भारत ने केएल राहुल (100) और रवींद्र जडेजा (अर्धशतक) की मदद से पहली पारी में 387 रन बनाकर इंग्लैंड के स्कोर की बराबरी की. राहुल और पंत ने चौथे विकेट के लिए 141 रन जोड़े, लेकिन लंच के बाद भारत की बल्लेबाज़ी लड़खड़ा गई.


