असली परीक्षा के लिए तैयार टीम इंडिया? घर में दक्षिण अफ्रीका से पार पाने उतरेगी गिल एंड कंपनी
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच होने वाली टेस्ट सीरीज़ शुभमन गिल की कप्तानी की बड़ी परीक्षा मानी जा रही है. दक्षिण अफ्रीका विश्व टेस्ट चैंपियन के आत्मविश्वास के साथ आ रहा है.

कोलकाताः टेस्ट कप्तान के रूप में वेस्टइंडीज़ का 2-0 से सफाया करने के बाद अब शुभमन गिल के सामने असली परीक्षा है. टेम्बा बावुमा की अगुआई में दक्षिण अफ्रीका की टीम भारत आ रही है और यह श्रृंखला भारतीय कप्तान के लिए अब तक की सबसे कठिन चुनौती मानी जा रही है. दक्षिण अफ्रीका केवल मजबूत टीम के रूप में नहीं, बल्कि नए विश्व टेस्ट चैंपियन के रूप में भारत का सामना करेगी.
विश्व टेस्ट चैंपियन का आत्मविश्वास
इस साल लॉर्ड्स में फाइनल जीतकर दक्षिण अफ्रीका ने 27 साल बाद ICC खिताब अपने नाम किया. बावुमा की कप्तानी में टीम 10 में से 9 टेस्ट जीत चुकी है और बारिश से रुका एक मैच ही उनके रिकॉर्ड का एकमात्र अपवाद है. उनकी यह निरंतरता भारतीय टीम के लिए चिंता का विषय है, जो न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 0-3 की हार के बाद अपने घरेलू दबदबे को वापस पाने के लिए संघर्ष कर रही है.
बेंगलुरु में साउथ अफ्रीका ‘ए’ की भारतीय गेंदबाजी पर आसान जीत ने इस चिंता को और बढ़ा दिया है. 417 रनों का लक्ष्य रखने के बावजूद भारत के तेज और स्पिन आक्रमणसिराज, आकाशदीप, प्रसिद्ध और कुलदीपमें से कोई भी प्रोटियाज बल्लेबाजों को रोक नहीं पाया.
नंबर तीन पर कौन?
साई सुदर्शन इंग्लैंड दौरे से भारत के तीसरे नंबर पर खेल रहे हैं, लेकिन निरंतरता का अभाव साफ दिखा है. नौ पारियों में उन्होंने 273 रन जरूर बनाए, लेकिन यह प्रदर्शन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पर्याप्त नहीं माना जा रहा. वेस्टइंडीज़ के खिलाफ उनकी 87 और 39 रन की पारियों ने उम्मीद जगाई है, लेकिन बावुमा की टीम के पेस अटैक के सामने उनकी असली परीक्षा होगी.
ध्रुव जुरेल को भी नंबर तीन पर आजमाने की चर्चा है, जो बल्लेबाज के रूप में नई स्थिरता दे सकते हैं. टीम मैनेजमेंट इस पर विचार कर रहा है.
किसे मिले मौका?
वेस्टइंडीज के खिलाफ नितीश रेड्डी को दो टेस्ट दिए गए, लेकिन उनका उपयोग बहुत सीमित रहा महज चार ओवर गेंदबाजी और 43 रन. इससे उनकी भूमिका अस्पष्ट दिखी. दूसरी ओर, अक्षर पटेल जैसे अनुभवी ऑलराउंडर को मौका न देना कई विशेषज्ञों को चौंकाता है. घरेलू पिचों पर अक्षर कहीं अधिक संतुलन प्रदान कर सकते हैं और प्रबंधन शायद इस बार उनकी ओर रुख करे.
शुभमन गिल की कप्तानी पर नजर
भारतीय गेंदबाजी हाल के टेस्ट मुकाबलों में संघर्ष करती दिखी है. दिल्ली में वेस्टइंडीज ने 118 ओवर बल्लेबाजी की और भारतीय गेंदबाज विकेट लेने के लिए तरसते रहे. अश्विन ने भी अपनी यूट्यूब चर्चा में गिल के बॉलिंग रोटेशन की आलोचना की थी और कहा कि गिल स्पिनरों को लंबे स्पेल नहीं देते, जो टेस्ट क्रिकेट में आवश्यक है.
बेंगलुरु में 417 रनों का सफल पीछा भारतीय गेंदबाजों के आत्मविश्वास को और चोट पहुंचा सकता है. इसी वजह से गिल की रणनीति और नेतृत्व दोनों इस सीरीज़ में कठोर परीक्षा से गुजरने वाले हैं.
क्या भारत अपना खोया दबदबा वापस हासिल कर पाएगा?
भारत हमेशा से घरेलू पिचों पर अजेय माना जाता रहा है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका जैसी संतुलित और चैंपियन टीम के सामने यह चुनौती आसान नहीं होगी. गिल के नेतृत्व में यह सिर्फ एक टेस्ट सीरीज़ नहीं बल्कि भारतीय टेस्ट क्रिकेट के नए अध्याय की शुरुआत भी हो सकती है.


