'जिन नेताओं के कहने पर ये झूठे केस लगाए, क्या उनको जेल नहीं भेजना चाहिए?': अरविंद केजरीवाल
सत्येंद्र जैन को पीडब्ल्यूडी भर्ती घोटाले में CBI ने क्लीन चिट दे दी है, कोर्ट ने केस बंद कर दिया. AAP ने इसे राजनीतिक साजिश करार देते हुए भाजपा और एलजी पर बदले की भावना से फर्जी केस करने का आरोप लगाया है.

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को बड़ी राहत मिली है. CBI ने पीडब्ल्यूडी में भर्ती घोटाले से जुड़े केस में कोई सबूत ना मिलने पर क्लोजर रिपोर्ट फाइल कर दी है, जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए केस को बंद कर दिया. अब सत्येंद्र जैन को आधिकारिक रूप से क्लीन चिट मिल चुकी है.
केजरीवाल बोले- झूठे केस लगाने वालों को भी हो सजा
AAP संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे ऊपर झूठे केस लगाकर हमें जेल भेजा गया. अब जब सच सामने आ गया है, तो जो लोग ये झूठे केस लेकर आए, क्या उन्हें सजा नहीं मिलनी चाहिए? उन्होंने X पर लिखा कि सभी केस झूठे हैं और समय के साथ सभी की सच्चाई सामने आएगी.
सौरभ भारद्वाज का BJP पर तीखा प्रहार
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी और उनके एलजी ने राजनीतिक बदले की भावना से ये केस कराया था. उन्होंने बताया कि जब 2017 में मामला उछला, तब आरोप लगाया गया कि टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी कर भर्ती की गई. लेकिन अब 8 साल बाद CBI को ये मानना पड़ा कि कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ.
वास्तुकारों की भर्ती को लेकर खड़ा हुआ था विवाद
सौरभ भारद्वाज ने स्पष्ट किया कि दिल्ली सरकार के प्रोजेक्ट्स के लिए वास्तुकारों की जरूरत थी. इसके लिए पब्लिक नोटिस देकर आवेदन बुलाए गए और एक कंपनी के माध्यम से आउटसोर्सिंग की गई. ये कोई सरकारी नौकरी नहीं थी, ना ही कोई घोटाला. सभी भर्तियां मेरिट के आधार पर हुई थीं.
CBI की रेड भी रही थी बेनतीजा
CBI ने साल 2019 में सत्येंद्र जैन के घर रेड डाली थी, लेकिन घंटों की तलाशी के बावजूद उन्हें कोई आपत्तिजनक दस्तावेज या सबूत नहीं मिला. ना अलमारी में, ना बिस्तर में, ना दस्तावेजों में कोई गड़बड़ी पाई गई.
कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ना सत्ता का दुरुपयोग, ना सरकारी खजाने को नुकसान, ना आर्थिक लाभ और ना ही कोई आपराधिक साजिश सामने आई है. केवल प्रशासनिक प्रक्रिया में हुई मामूली अनियमितताओं को भ्रष्टाचार नहीं कहा जा सकता. कोर्ट ने साफ किया कि ऐसा कोई आधार नहीं बनता जिससे मुकदमे को आगे बढ़ाया जा सके.
AAP का आरोप- दिल्ली में काम रोकना था मकसद
AAP का कहना है कि बीजेपी दिल्ली में विकास कार्यों को रोकना चाहती थी. इसलिए मंत्रियों पर फर्जी केस लगाए गए, मोहल्ला क्लीनिक और अन्य परियोजनाओं से जुड़े विशेषज्ञों को हटाया गया. अब कोर्ट का फैसला भाजपा की राजनीतिक साजिश को बेनकाब करता है.


