44 दिन में 17 मौत, जम्मू-कश्मीर में फैली रहस्यमय बीमारी, गांव बना कंटेनमेंट जोन
Jammu Kashmir mysterious disease: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के बधाल गांव में एक रहस्यमयी बीमारी ने कोहराम मचा दिया है. पिछले 44 दिनों में इस बीमारी से 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें छह मासूम बच्चे भी शामिल हैं. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है और जांच तेज कर दी गई है.

Jammu Kashmir mysterious disease: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के बधाल गांव में रहस्यमयी बीमारी ने हड़कंप मचा दिया है. पिछले 44 दिनों में इस बीमारी से 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें छह बच्चे भी शामिल हैं. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने पूरे गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है. गांव में बाहरी लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है, वहीं बीमार लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और विशेषज्ञ लगातार जांच में जुटे हैं, लेकिन अब तक बीमारी के कारण का पता नहीं चल पाया है. गांव के लोगों में डर और बेचैनी का माहौल है, जबकि सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय टीम को जांच के लिए रवाना कर दिया है.
रहस्यमयी बीमारी से दहशत का माहौल
राजौरी के बधाल गांव में 17 दिसंबर से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है. खास बात यह है कि सभी मृतक तीन परिवारों से हैं. मृतकों में छह मासूम बच्चे भी शामिल हैं. मंगलवार शाम तक एक युवक और चार बच्चे बीमार हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इससे पहले, एक ही परिवार के छह बच्चों की मौत ने सभी को झकझोर दिया था.
तीन ज़ोन में बांटा गया गांव
स्थिति पर काबू पाने के लिए प्रशासन ने गांव को तीन जोन में बांट दिया है.
-
पहला ज़ोन: मृतकों के घरों को सील कर दिया गया है और बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है.
-
दूसरा ज़ोन: प्रभावित व्यक्तियों के संपर्क में आए लोगों को यहां रखा गया है. इन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भेजा गया है.
-
तीसरा ज़ोन: गांव के बाकी परिवारों को यहां निगरानी में रखा गया है. प्रशासन उनके खान-पान और स्वास्थ्य की लगातार जांच कर रहा है.
अंतर-मंत्रालयी टीम जांच में जुटी
बीमारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 18 जनवरी को एक अंतर-मंत्रालयी टीम का गठन किया. इस टीम में स्वास्थ्य, कृषि, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के साथ कई प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल हैं. टीम ने गांव का दौरा किया और गहराई से जांच शुरू कर दी है.
सैंपल जांच में अब तक नतीजा शून्य
प्रशासन ने गांव के प्रभावित परिवारों के ब्लड सैंपल, खाने और पानी के नमूने लैब भेजे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है. स्वास्थ्य विभाग ने जहरीले पदार्थों की मौजूदगी का पता लगाने के लिए फूड और पानी की जांच की, लेकिन रिपोर्ट में सब सामान्य पाया गया. विशेषज्ञों की टीम अभी तक बीमारी के कारण का पता नहीं लगा पाई है.
गांव में डर का साया
लगातार हो रही मौतों ने गांव के लोगों को डरा दिया है. हर कोई चिंतित है कि अगला शिकार कौन होगा. पिछले एक महीने में सैकड़ों सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं, लेकिन बीमारी अभी भी पहेली बनी हुई है.
प्रशासन ने दी सलाह
प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को घरों में रहने की सख्त हिदायत दी है. साथ ही ग्रामीणों से किसी भी संदिग्ध लक्षण दिखने पर तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करने की अपील की है.


