पंचकूला में कार के अंदर मिले एक ही परिवार के 7 शव, इलाके में मचा हड़कंप
हरियाणा के पंचकूला से एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां एक ही परिवार के सात सदस्यों ने कार में जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली. सभी शव सेक्टर 27 में खड़ी एक कार से मिले. परिवार देहरादून का रहने वाला था और आर्थिक तंगी व कर्ज से परेशान बताया जा रहा है.

हरियाणा के पंचकूला से एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है. यहां सेक्टर 27 में एक ही परिवार के 7 लोगों ने सामूहिक रूप से आत्महत्या कर ली. यह मामला न सिर्फ स्थानीय प्रशासन बल्कि आम जनता के लिए भी गहरे सदमे और चिंता का कारण बना हुआ है.
पुलिस को सूचना मिली कि सेक्टर 27 की एक कॉलोनी में एक बंद गाड़ी में कुछ लोग संदिग्ध हालत में पड़े हुए हैं. मौके पर पहुंची पुलिस ने जब गाड़ी का दरवाज़ा खोला तो उसके अंदर का नज़ारा दिल दहला देने वाला था. गाड़ी में एक ही परिवार के सात सदस्यों के शव पड़े थे, जिनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल थे. सभी मृतकों के मुंह से झाग निकल रही थी जिससे अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि उन्होंने कोई जहरीला पदार्थ खाया.
देहरादून का रहने वाला था परिवार
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मृतक परिवार मूल रूप से उत्तराखंड की राजधानी देहरादून का रहने वाला था और कुछ समय पहले ही पंचकूला आया था. अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि वे पंचकूला में किस मकसद से आए थे, लेकिन उनके पास से कुछ दस्तावेज़ और एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसकी जांच की जा रही है.
आर्थिक तंगी और कर्ज बना वजह?
सूत्रों के अनुसार, यह परिवार भारी आर्थिक तंगी से जूझ रहा था और उन पर काफी कर्ज भी था. स्थानीय पुलिस और जांच एजेंसियों को शक है कि कर्ज और पैसों की तंगी के चलते परिवार ने यह खौफनाक कदम उठाया होगा. सुसाइड नोट में भी इसका ज़िक्र किया गया है, हालांकि पुलिस अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं कर रही है.
जांच में जुटी पुलिस
फिलहाल पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और घटना की जांच शुरू कर दी गई है. आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है और CCTV फुटेज भी खंगाली जा रही है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि यह आत्महत्या का मामला है या इसके पीछे कोई और एंगल छिपा है.
पूरे इलाके में मातम
इस घटना के बाद पंचकूला के सेक्टर 27 इलाके में सन्नाटा पसर गया है. स्थानीय लोग इस घटना से स्तब्ध हैं और प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि पीड़ित परिवार को न्याय मिले और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. यह घटना समाज में बढ़ती आर्थिक चुनौतियों और मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी को भी उजागर करती है, जिस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है.