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रांची में पेट्रोल पंप के उजाले में पढ़ता नजर आया छात्र, सीएम ऑफिस तक मची खलबली...फिर मिला मुफ्त पढ़ाई से लेकर घर तक सबकुछ

रांची के एलेक्स मुंडा की पेट्रोल पंप की रोशनी में पढ़ाई करती तस्वीर वायरल होने के बाद प्रशासन ने मदद की. सोशल मीडिया, मां के संघर्ष और प्रशासन की संवेदनशीलता से एलेक्स को स्कॉलरशिप, मुफ्त शिक्षा और उज्ज्वल भविष्य का सहारा मिला.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

रांचीः सोशल मीडिया की ताकत और एक मां के अथक संघर्ष ने मिलकर झारखंड की राजधानी रांची के एक छोटे से बच्चे की जिंदगी में उम्मीद की नई किरण जगा दी है. पेट्रोल पंप की हेडलाइट्स और मद्धम रोशनी में बैठकर पढ़ाई करने वाले एलेक्स मुंडा की तस्वीर जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई, तो यह सिर्फ एक भावुक कर देने वाली तस्वीर नहीं रही, बल्कि बदलाव की शुरुआत बन गई.

पिता के जाने के बाद मां बनी सहारा

एलेक्स मुंडा की कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं है. कुछ साल पहले पिता के निधन के बाद परिवार की जिम्मेदारी पूरी तरह उसकी मां नूतन टोप्पो के कंधों पर आ गई. आर्थिक तंगी इतनी थी कि घर में बिजली तक नहीं थी. बावजूद इसके नूतन ने हार नहीं मानी. वह दिनभर पेट्रोल पंप पर मजदूरी करती और रात में उसी पंप की रोशनी में अपने बेटे को पढ़ने में मदद करती थी. एक आदिवासी मां का बस एक ही सपना था. उसका बेटा पढ़-लिखकर बेहतर जिंदगी जिए.

33 सेकंड का वीडियो

एलेक्स की जिंदगी तब सुर्खियों में आई जब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर सनी शरद के अकाउंट से महज 33 सेकंड का एक वीडियो शेयर किया गया. इस वीडियो में एलेक्स को जमीन पर बैठकर पूरे मन से पढ़ाई करते हुए देखा गया. वीडियो देखते ही हजारों लोग भावुक हो गए और यह तेजी से वायरल हो गया. कुछ ही समय में यह वीडियो रांची के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक पहुंच गया. सीएम सोरेन ने वीडियो तत्काल संज्ञान लेते हुए रांची के डीएम को दिशानिर्देश जारी किए.

प्रशासन ने दिखाई संवेदनशीलता

वीडियो सामने आते ही रांची जिला प्रशासन ने तुरंत संज्ञान लिया. उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने मां-बेटे को अपने कार्यालय बुलाया और उनकी स्थिति को करीब से समझा. इसके बाद प्रशासन ने एलेक्स के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कई अहम फैसले लिए. यह सिर्फ एक औपचारिक मदद नहीं थी, बल्कि एक व्यवस्थित योजना थी, जिससे एलेक्स की पढ़ाई बिना किसी रुकावट के आगे बढ़ सके.

एलेक्स को मिले ये बड़े सहारे

प्रशासन की ओर से सबसे पहले यह घोषणा की गई कि एलेक्स को पढ़ाई के लिए हर महीने 4,000 रुपये की स्कॉलरशिप दी जाएगी. इसके अलावा, जिस स्कूल में वह वर्तमान में पढ़ रहा है, वहां उसकी पूरी फीस माफ कर दी गई. इतना ही नहीं, एक साल बाद एलेक्स का दाखिला एक आवासीय विद्यालय में कराया जाएगा, जहां उसकी शिक्षा, रहन-सहन और अन्य जरूरतें पूरी तरह मुफ्त होंगी. प्रशासन ने उसकी मां नूतन टोप्पो को रहने के लिए सरकारी आवास देने का भी आश्वासन दिया.

संघर्ष, संवेदना और सिस्टम की जीत

एलेक्स मुंडा की कहानी यह साबित करती है कि जब एक मां का संकल्प, समाज की डिजिटल आवाज और प्रशासन की संवेदनशीलता एक साथ आती है, तो हालात कितने भी कठिन क्यों न हों, बदलाव संभव है. जिस बच्चे की पढ़ाई कभी पेट्रोल पंप की रोशनी तक सीमित थी, आज उसके सामने उज्ज्वल भविष्य के कई दरवाजे खुल चुके हैं.

उम्मीद की मिसाल बना एलेक्स

आज एलेक्स सिर्फ एक बच्चा नहीं, बल्कि उन लाखों बच्चों के लिए प्रेरणा है, जो गरीबी और संसाधनों की कमी के बावजूद सपने देखते हैं. उसकी कहानी यह संदेश देती है कि अगर हौसला मजबूत हो और समाज साथ दे, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता.

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23 December 2025, 08:46 PM IST

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