बाघिन के बाद अब शेर की मौत, उत्तर प्रदेश के चिड़ियाघरों में बर्ड फ्लू अलर्ट
शेर पटौदी को गोरखपुर चिड़ियाघर से कानपुर चिड़ियाघर लाया गया था, जहां 7 मई को एक बाघिन की मौत हो गई थी और उसके नमूने में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी.

कानपुर चिड़ियाघर में गुरुवार को एक एशियाई शेर पटौदी की मौत हो गई, जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) के लक्षण दिखे थे. यह शेर 11 मई को गोरखपुर चिड़ियाघर से कानपुर चिड़ियाघर लाया गया था और उसकी मौत गोरखपुर में एक बाघिन की मौत के आठ दिन बाद हुई है. गोरखपुर चिड़ियाघर में मरी बाघिन के नमूनों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी, जिससे वन अधिकारियों में गंभीर चिंता का माहौल बन गया था.
कानपुर चिड़ियाघर के पशु चिकित्सक डॉ. नासिर ने बताया कि शेर पटौदी की मौत गुरुवार सुबह 8:30 बजे हुई. शेर के शव के नमूने लेकर उसे भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भेजा गया, जहां उसका परीक्षण किया जाएगा. रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों का खुलासा होगा.
बर्ड फ्लू की चपेट में चिड़ियाघर?
चिड़ियाघर अधिकारियों के अनुसार, पटौदी ने कानपुर में आने के बाद एक किलो चिकन खाया था, लेकिन मंगलवार से वह खाना नहीं खा रहा था. इसके बाद उसकी हालत में गिरावट आई, और अंततः उसकी मौत हो गई. अधिकारियों ने बताया कि शेर को गहन पशु चिकित्सा उपचार दिया जा रहा था, जिसमें अंतःशिरा दवाएं भी दी जा रही थीं, लेकिन वह केवल पानी पी रहा था.
पटौदी की मौत से बढ़ी चिंता
गोरखपुर में 7 मई को मरी बाघिन शक्ति के सैंपल में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद राज्य के सभी चिड़ियाघर और इटावा लॉयन सफारी को बंद कर दिया गया था. बर्ड फ्लू के फैलने का खतरा बढ़ने के कारण वन विभाग और चिड़ियाघर प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गए हैं. इस समय गोरखपुर के शहीद अशफाकउल्ला खान प्राणि उद्यान में कई कौओं की मौत भी हुई है, जिससे वन अधिकारियों में और अधिक चिंता फैल गई है.
एवियन इन्फ्लूएंजा जांच शुरू
चिड़ियाघर अधिकारियों ने यह भी बताया कि बर्ड फ्लू के खतरे से निपटने के लिए अतिरिक्त एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं, ताकि अन्य जानवरों को संक्रमण से बचाया जा सके. अभी तक गोरखपुर और कानपुर चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू के मामलों की गंभीरता को देखते हुए सभी सुरक्षा कदम उठाए जा रहे हैं.


