मुंबई में बढ़ता वायु प्रदूषण, दिल्ली की तरह हालात चिंताजनक...GRAP 4 की पाबंदिया लागू, इन इलाकों में हालात चिंताजनक
भारत की राजधानी दिल्ली पॉल्यूशन का मार तो झेल ही रही है, लेकिन आपको बता दें कि अब मुबंई भी पॉल्यूशन के कतार में आकर खड़ा गया है. मुंबई के कई इलाकों में हवा अत्यंत खराब श्रेणी में आ गई है. इसको देखते हुए मुंबई में GRAP-4 की पाबंदियां लागू कर दी गई हैं, ताकि पॉल्यूशन को कंट्रोल किया जा सके.

नई दिल्ली : दिल्ली के लोग खराब वायु प्रदूषण का मार झेल रहे हैं. यहां की हवा जहरीली होती जा रही है, लेकिन सड़कों की सफाई और धूल कंट्रोल के उपायों पर सरकार गंभीरता से काम नहीं कर रही है. कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM)के अनुसार, दिल्ली नगर निगम की सड़कों पर हैं. ज्यादातर सड़कों पर धूल उड़ रही हैं. वहीं अब मुंबई में भी पॉल्यूशन का लेवल बढ़ते जा रहा है. इसको देखते हुए GRAP-4 की पाबंदियां लागू की गई है, ताकि पॉल्यूशन पर कंट्रोल पाया जा सके.
आपको बता दें कि राजधानी दिल्ली में लंबे समय से प्रदूषण गंभीर समस्या बनी हुई है, जबकि मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता और चेन्नई जैसे अन्य महानगरों में यह स्थिति अपेक्षाकृत नियंत्रण में रही. अब आर्थिक राजधानी मुंबई में भी हवा की गुणवत्ता बिगड़ने लगी है. शहर के कई इलाकों जैसे मडगांव, देवनार, मलाड, बोरिवली ईस्ट, चकाला-अंधेरी ईस्ट, नेवी नगर, पोवई और मुलुंड में वायु प्रदूषण का स्तर ‘खराब’ और ‘अत्यंत खराब’ श्रेणी में आ गया है.
GRAP 4 पाबंदियां और बीएमसी की कार्रवाई
निगरानी और फ्लाइंग स्क्वॉड की तैनाती
बीएमसी ने हर वार्ड में फ्लाइंग स्क्वॉड नियुक्त किए हैं, जो धूल और प्रदूषण पर निगरानी रखेंगे. यह कदम शहर में वायु गुणवत्ता सुधारने और अनहेल्दी स्तर के प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है.
भारत के शहरों में बढ़ता प्रदूषण
हालांकि समुद्र के किनारे होने और तेज हवाओं की वजह से मुंबई में पहले प्रदूषण अपेक्षाकृत कम रहा, लेकिन हालिया आंकड़े चिंताजनक हैं. वर्तमान में मुंबई का AQI 187 है, जो ‘अनहेल्दी’ श्रेणी में आता है. बेंगलुरु का AQI 118 और कोलकाता का AQI 236 दर्ज किया गया है. विश्व के सबसे प्रदूषित 10 शहरों में तीन शहर भारत के ही हैं, जो देश में वायु गुणवत्ता की चुनौती को दर्शाते हैं. इस तरह, मुंबई अब दिल्ली जैसी गंभीर प्रदूषण समस्या का सामना कर रही है, और बीएमसी की कड़ी निगरानी और पाबंदियों के बावजूद स्थिति पर नियंत्रण करना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है.


