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मेरठ अस्पताल में लापरवाही की सारी हदें पार! सोते रहे डॉक्टर, तड़पते-तड़पते मरीज ने तोड़ा दम

मेरठ अस्पताल में इलाज के अभाव में एक शख्स ने दम तोड़ दिया. परिवार का आरोप है कि मरीज सुनील की हालत बेहद नाजुक थी, लेकिन वार्ड में मौजूद डॉक्टर और कर्मचारी गहरी नींद में सोते रहे. मदद की गुहार लगाते रहे पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. मामले की गंभीरता को देखते हुए दो डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया है.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

Meerut Hospital: उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक सड़क दुर्घटना में घायल युवक को समय पर इलाज न मिलने के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी. 30 वर्षीय सुनील को पुलिस ने गंभीर हालत में लाला लाजपत राय मेमोरियल (LLRM) मेडिकल कॉलेज के आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया, लेकिन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर तौर पर सोते रहे. इलाज की कमी से तड़पते हुए सुनील ने दम तोड़ दिया. घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें एक डॉक्टर को एसी के नीचे आराम फरमाते हुए और एक महिला को उन्हें जगाने की कोशिश करते हुए देखा जा सकता है. वीडियो सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया और दो जूनियर डॉक्टरों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया.

घायल सुनील ने तड़पते हुए तोड़ा दम

सोमवार शाम सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल सुनील को पुलिस अस्पताल लेकर पहुंची थी. लेकिन जब उसे तुरंत इलाज की ज़रूरत थी, तब डॉ. भूपेश कुमार राय और अनिकेत ड्यूटी पर सोते रहे. सुनील स्ट्रेचर पर खून से लथपथ पड़ा था और दर्द से कराह रहा था, लेकिन डॉक्टरों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

वायरल वीडियो 

सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में एक डॉक्टर को एयर कंडीशनर के सामने पैर फैलाकर सोते हुए देखा गया. एक महिला, जो एक बच्चे और दवा का पर्चा लिए हुई थी, उसे जगाने की कोशिश करती दिखी. वहीं दूसरी ओर, सुनील कुछ ही दूरी पर गंभीर हालत में पड़ा था. इस वीडियो ने अस्पताल व्यवस्था की खामियों को उजागर कर दिया है.

डॉक्टरों पर कार्रवाई

वीडियो वायरल होते ही अस्पताल प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए दोनों जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया. साथ ही, पूरे मामले की जांच के लिए दो अलग-अलग समितियों का गठन किया गया है. मेडिकल कॉलेज की ओर से गठित समिति में डॉ. अनुपम वर्मा, सहायक प्रोफेसर शशांक जिंदल और सहायक प्रोफेसर कृतेश मिश्रा शामिल हैं. यह पैनल तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा.

जिलाधिकारी की जांच टीम 

जिलाधिकारी की ओर से गठित दूसरी जांच समिति में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक कटारिया, एडीएम सिटी बृजेश सिंह और एसीएमओ डॉ. प्रवीण गौतम को शामिल किया गया है. दोनों ही समितियों को जल्द से जल्द रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं ताकि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जा सके.

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29 July 2025, 06:35 PM IST

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