अमित शाह का ऐलान: 2026 तक नक्सलवाद का पूरी तरह सफाया, बारिश में भी चलेगा ऑपरेशन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पहले नक्सली बरसात के मौसम में छिपकर राहत पा लेते थे, लेकिन इस बार उन्हें चैन से सोने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने दो टूक कहा कि अब बातचीत की कोई जरूरत नहीं है, नक्सलियों को चाहिए कि वे हथियार छोड़ दें और आत्मसमर्पण करें.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को छत्तीसगढ़ में एक अहम घोषणा करते हुए नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का एलान किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि 31 मार्च, 2026 तक देश को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त किया जाए. उन्होंने बताया कि इस दिशा में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर तेज़ी से कदम उठा रही हैं.
नक्सलियों को नहीं मिलेगी राहत
शाह ने कहा कि इस बार बरसात में भी नक्सलियों को राहत नहीं मिलेगी. सुरक्षा बलों की कार्रवाई मौसम पर निर्भर नहीं होगी और हर परिस्थिति में अभियान जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि अब ऑपरेशन लगातार चलेगा, चाहे कोई भी मौसम हो और सुरक्षाबल पूरी ताकत से अभियान को अंजाम दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पहले नक्सली बारिश के दौरान दुर्गम जंगलों में छिप जाते थे, लेकिन अब उन्हें कहीं भी सुरक्षित पनाह नहीं मिलेगी. उन्होंने दो टूक चेतावनी दी कि नक्सलियों के पास आत्मसमर्पण का यह सबसे अच्छा मौका है. उन्हें हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटना चाहिए, क्योंकि अब सरकार की नीति सख्त और स्पष्ट है.
गृह मंत्री ने छत्तीसगढ़ सरकार की नई आत्मसमर्पण नीति की सराहना करते हुए कहा कि इससे हिंसा छोड़ने वाले लोगों को सम्मानजनक जीवन और उज्जवल भविष्य की राह मिलेगी. उन्होंने नक्सलियों से अपील की है कि वे देश की विकास यात्रा में सहभागी बनें और हिंसा का रास्ता त्यागें.
नक्सलवाद का समूल अंत संभव
शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "विकसित भारत" के विजन का उल्लेख करते हुए कहा कि असली विकास तभी संभव है जब देश आंतरिक खतरों से मुक्त हो. उन्होंने कहा कि पुलिस की तैनाती, बुनियादी सुविधाओं का विस्तार और शिक्षा-स्वास्थ्य योजनाओं ने नक्सलवाद की जड़ों को कमजोर किया है. उन्होंने विश्वास जताया कि यदि केंद्र और राज्य इसी तरह समन्वय से काम करते रहे, तो निर्धारित समय से पहले ही नक्सलवाद का समूल अंत संभव है.


