अनिल सहनी का आरजेडी से इस्तीफा, बीजेपी में शामिल होकर लालू-तेजस्वी को बड़ा झटका
Bihar Politics: पूर्व विधायक अनिल सहनी ने आरजेडी छोड़कर बीजेपी का दामन थामा. उन्होंने टिकट न मिलने और अति पिछड़ा वर्ग की अनदेखी का आरोप लगाया.

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी को बड़ा झटका देते हुए मुजफ्फरपुर की कुढ़नी सीट से पूर्व विधायक और राज्यसभा सांसद रह चुके अनिल सहनी ने पार्टी छोड़ दी है. बुधवार को उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सदस्यता ले ली. खास बात यह है कि उन्हें आरजेडी ने इस बार के चुनाव में स्टार प्रचारकों की सूची में भी शामिल किया था.
मंगनीलाल मंडल को भेजा इस्तीफा
अनिल सहनी ने आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल को अपना इस्तीफा भेजा और फिर कुछ ही देर बाद पटना में आयोजित भाजपा के मिलन समारोह में शामिल होकर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पार्टी के वरिष्ठ नेता और चुनाव प्रभारी भी मौजूद थे. उनके साथ पूर्व विधायक आशा देवी भी बीजेपी में शामिल हुईं.
एलटीसी घोटाले से राजनीति में गिरावट
2015 में अनिल सहनी आरजेडी के टिकट पर कुढ़नी विधानसभा से भाजपा के केदार प्रसाद गुप्ता को हराकर विधायक बने थे. लेकिन दिल्ली की एक अदालत ने एलटीसी (लीव ट्रैवल कंसेशन) घोटाले में उन्हें दो साल की सजा सुनाई, जिसके चलते उनकी विधायकी चली गई और कोर्ट ने तीन साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी. इस कारण 2022 में हुए उपचुनाव में भाजपा ने फिर से केदार प्रसाद को मैदान में उतारा, जिन्होंने जीत दर्ज की.
जेडीयू से राजनीतिक यात्रा की शुरुआत
अनिल सहनी की राजनीतिक यात्रा जेडीयू से शुरू हुई थी, जहां से वे राज्यसभा पहुंचे थे. लेकिन सीबीआई द्वारा टिकट घोटाले में केस दर्ज किए जाने के बाद उनका राजनीतिक ग्राफ गिरा और बाद में उन्होंने आरजेडी का दामन थामा.
बेटे को टिकट न मिलने से नाराज थे सहनी
सूत्रों के अनुसार, सहनी आरजेडी से अपने बेटे के लिए कुढ़नी सीट से टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन पार्टी ने वहां से बबलू कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया. इससे नाराज होकर उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया. उन्होंने आरजेडी नेतृत्व पर अति पिछड़ा वर्ग की उपेक्षा करने का भी आरोप लगाया.


