पंजाब शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला, छुट्टियों में 126 क्लर्कों को मिला प्रमोशन का तोहफा
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने गर्मियों की छुट्टियों के बीच 126 क्लर्कों को सीनियर असिस्टेंट पद पर प्रमोट कर प्रशासनिक सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. इससे ना केवल कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि विभागीय कार्यों में पारदर्शिता और गति भी आएगी.

पंजाब के सरकारी स्कूलों से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. गर्मियों की छुट्टियों के बीच, जब आमतौर पर शैक्षणिक गतिविधियां विराम पर होती हैं, पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने एक बड़ा प्रशासनिक फैसला लिया है. बोर्ड ने राज्य के 126 क्लर्कों को प्रमोट कर सीनियर असिस्टेंट बना दिया है. इस कदम से ना केवल कर्मचारियों के मनोबल में वृद्धि होगी, बल्कि विभागीय कामकाज में नई गति और ऊर्जा भी आएगी.
इस फैसले की जानकारी गुरुवार को राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने प्रेस बयान के माध्यम से दी. उन्होंने बताया कि ये प्रमोशन प्रक्रिया केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक प्रभावशाली बनाने की दिशा में एक दूरदर्शी पहल है.
126 क्लर्क बने सीनियर असिस्टेंट
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा की गई इस पदोन्नति से शिक्षा विभाग के ढांचे को मजबूत आधार मिलेगा. 126 क्लर्कों को अब सीनियर असिस्टेंट की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इससे जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (DIET) के कार्यालयों में लंबे समय से खाली पड़े पदों को भरने में मदद मिलेगी.
शिक्षा मंत्री ने दी शुभकामनाएं
स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने सभी प्रमोट हुए कर्मचारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा:- इन पदोन्नतियों से कर्मचारियों की जिम्मेदारियां बढ़ी हैं. हमें विश्वास है कि वे अपने कार्यों में उत्कृष्टता दिखाते हुए शिक्षा विभाग को मजबूती देंगे. यह केवल एक प्रमोशन नहीं, बल्कि उनके करियर का अहम मोड़ है, जो बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करेगा.
कामकाज में आएगी रफ्तार और पारदर्शिता
इस प्रशासनिक फैसले को केवल एक आंतरिक बदलाव ना मानते हुए, विशेषज्ञ इसे शिक्षा विभाग में तेजी, पारदर्शिता और कार्यकुशलता लाने वाला ठोस कदम बता रहे हैं. छुट्टियों के दौरान ये निर्णय लिया जाना इस बात का संकेत है कि विभाग सालभर प्रशासनिक संचालन को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए कटिबद्ध है. 126 कर्मचारियों की पदोन्नति से कार्यालयीन कार्यों की गति तो बढ़ेगी ही, साथ ही इससे कर्मचारियों के मनोबल में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी.


