score Card

गन्ना किसानों को बड़ी राहत, खत्म हुआ बिचौलियों का खेल, अब किसानों को मिलेगा सीधा फायदा

हापुड़ में गन्ना सहकारी समिति में 8 करोड़ रुपये के घोटाले के बाद प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए गन्ना भुगतान प्रणाली में बदलाव किया है. अब शुगर मिलें किसानों को सीधे उनके बैंक खातों में भुगतान करेंगी, जिससे गन्ना समितियों की मध्यस्थता खत्म हो जाएगी.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

गन्ना किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है. अब उन्हें अपने गन्ने के भुगतान के लिए गन्ना समितियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए गन्ना भुगतान की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है. इसके तहत अब शुगर मिलें किसानों को सीधे उनके बैंक खातों में भुगतान करेंगी, जिससे न केवल बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी बल्कि किसानों को समय पर भुगतान भी सुनिश्चित हो सकेगा.

यह निर्णय गन्ना सहकारी समितियों में हुए बड़े घोटाले के बाद लिया गया है, जिसमें करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ था. अब प्रशासन ने सभी दोषियों पर कार्रवाई करते हुए समितियों के बैंक खातों को सीज कर दिया है और नई गाइडलाइन जारी करने की तैयारी कर ली है.

अब शुगर मिलें करेंगी सीधा भुगतान

नई व्यवस्था के तहत अब शुगर मिलें गन्ना किसानों को सीधा भुगतान करेंगी. पहले मिलें गन्ना समितियों को भुगतान करती थीं, जो आगे किसानों को पैसा ट्रांसफर करती थीं. लेकिन अब इस प्रक्रिया को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है. इस नई व्यवस्था से किसानों को बिना किसी विलंब के भुगतान मिलेगा और मिलों की सीधी जवाबदेही तय होगी.

8 करोड़ रुपये का घोटाला 

हापुड़ की गन्ना सहकारी समिति में करीब आठ करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है. समिति के सचिव और लिपिक ने मिल कर्मचारियों से मिलकर किसानों के भुगतान की राशि अपने और अपने संबंधियों के खातों में ट्रांसफर करवा ली. आरोप है कि इस पूरे लेन-देन में बैंक कर्मियों की भी मिलीभगत रही.

फर्जी हस्ताक्षर कर तुड़वा ली 

जब किसानों को भुगतान नहीं हो पाया, तो आरोपितों ने समिति की एक करोड़ रुपये की एफडी को फर्जी हस्ताक्षर कर तुड़वा लिया. उस राशि से पहले किसानों को भुगतान किया गया और फिर बची हुई रकम आरोपितों ने अपने खातों में ट्रांसफर कर ली. इस घोटाले के उजागर होते ही जिले में हड़कंप मच गया.

डीएम की सख्ती से मचा हड़कंप

डीएम अभिषेक पांडेय के सख्त रवैये के बाद जिला गन्ना विभाग, समिति और बैंक प्रशासन में हड़कंप मच गया है. जिला स्तर पर हुई जांच में समिति और बैंक के कर्मचारी दोषी पाए गए हैं. जिन खातों में गड़बड़ी के पैसे गए, उन सभी को आरोपित बनाया गया है और सभी दोषियों को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं, जिसकी जिम्मेदारी एसडीएम अंकित वर्मा को सौंपी गई है.

नियमों में होगा बदलाव

गन्ना उपायुक्त आर.के. मिश्रा ने बताया कि किसानों को पारदर्शी और सीधी व्यवस्था देने के लिए नियमों में बदलाव की तैयारी की जा रही है. उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य है कि गन्ना भुगतान और किसान हित की योजनाएं बिना किसी बिचौलिये के किसानों तक पहुंचें." उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी से मुलाकात कर नई प्रणाली को अंतिम रूप दे दिया गया है. अब जिले की सभी शुगर मिलें किसानों को भुगतान सीधे उनके खाते में करेंगी. साथ ही सिंभावली और हापुड़ सहित सभी समितियों के बैंक खाते सीज कर दिए गए हैं और किसी भी प्रकार का लेन-देन अब संभव नहीं होगा.

समितियों को मिलते थे कमीशन

अब तक गन्ना समितियां किसानों और मिलों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाती थीं. मिलों से बीज, खाद, कीटनाशक और भुगतान सब कुछ समितियों के माध्यम से होता था, और इसके बदले उन्हें कमीशन भी मिलता था. लेकिन अब इस व्यवस्था को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है जिससे किसानों को सीधे लाभ पहुंचेगा और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी.

calender
14 May 2025, 11:44 AM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag