BIhar Election 2025: अमित शाह के खास प्लान के तहत होगा NDA में सीटों का बंटवारा...गठबंधन को मिलेगा मजबूती
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राजग ने एक नई रणनीति अपनाई है. इस बार गठबंधन के सभी दल मिलकर उम्मीदवारों का चयन करेंगे, जिससे एकजुटता को बढ़ावा मिलेगा. भाजपा ने चुनाव प्रभारी की नियुक्ति नहीं की, जिससे संकेत मिलता है कि सभी दल एकजुट होकर चुनावी प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे. अमित शाह के नेतृत्व में यह रणनीति लोकसभा चुनाव के अच्छे परिणामों से प्रेरित है और इसकी सफलता पर निगाहें होंगी.

Bihar Assembly Election: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए इस बार गठबंधन में एक नया मोड़ देखने को मिल सकता है. महाराष्ट्र चुनाव में राजग की एकजुटता की रणनीति को मजबूत करते हुए अब चुनाव प्रचार के साथ-साथ उम्मीदवारों के चयन में भी समन्वय बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. इस बार गठबंधन के सभी दलों को मिलाकर एक साझा समिति बनाने का प्रस्ताव है, जिससे उम्मीदवारों के चयन में सहमति बन सके और हर सीट पर जीत सुनिश्चित की जा सके.
सीटों को लेकर सामूहिक निर्णय
गठबंधन की एकजुटता को मिलेगी मजबूती
अब तक, परंपरा रही है कि हर गठबंधन दल अपनी सीटों पर उम्मीदवार तय करता है और अपने चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ता है. कुछ मामलों में, एक दल अपने उम्मीदवार को गठबंधन के सहयोगी दल के चुनाव चिह्न पर उतारता था, लेकिन अब इस बार भाजपा ने इसे एक कदम और बढ़ाते हुए उम्मीदवारों के चयन में पूरी सहमति बनाने का विचार किया है. यह नई पहल गठबंधन की एकजुटता को और मजबूती दे सकती है.
अमित शाह का राजग को एकजुट करने का निर्णय
2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में राजग की एकजुटता से मिले अच्छे परिणामों को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार विधानसभा चुनाव में इस रणनीति को अगले स्तर पर ले जाने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले भी जदयू, टीडीपी और जेडीएस की सीटों पर रैलियां की थीं, और अब बिहार में चुनावी तैयारियां पूरी तरह से राजग के समन्वय से हो रही हैं.
किसी नए अध्याय की ओर?
बिहार विधानसभा चुनाव में राजग की एकजुटता और सामूहिक निर्णय लेने की यह रणनीति कितना प्रभावी होगी, यह देखना दिलचस्प होगा. क्या गठबंधन के वोट एकजुट रहेंगे और किस हद तक यह नई पहल चुनावी जीत में योगदान देगी, यह चुनावी परिणामों से साफ हो जाएगा.


