एयर इंडिया ने साइबर हमले के बाद यूरोपीय हवाई अड्डों पर जारी की एडवाइजरी
एयर इंडिया ने यात्रियों को चेतावनी दी है कि लंदन हीथ्रो और अन्य यूरोपीय हवाई अड्डों पर साइबर हमले के कारण चेक-इन और बोर्डिंग में देरी हो सकती है. एयरलाइन और हवाई अड्डे यात्रियों की असुविधा कम करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं.

एयर इंडिया ने शनिवार को यात्रियों के लिए एक सुरक्षा एडवाइजरी जारी की. एडवाइजरी में बताया गया कि लंदन के हीथ्रो सहित यूरोप के कई हवाई अड्डों पर चेक-इन और बोर्डिंग सिस्टम को निशाना बनाकर एक साइबर हमला किया गया है. एयरलाइन ने यात्रियों से कहा कि वे हवाई अड्डे पर पहुंचने से पहले वेब चेक-इन पूरा कर लें, ताकि यात्रा के दौरान देरी और असुविधा कम हो सके. एयर इंडिया ने यह भी स्पष्ट किया कि उसकी टीम ग्राउंड स्टाफ के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि यात्रियों को सहज अनुभव सुनिश्चित किया जा सके.
एयर इंडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया कि हीथ्रो में थर्ड-पार्टी पैसेंजर सिस्टम में गड़बड़ी के कारण चेक-इन प्रक्रिया में देरी हो सकती है. हमारी ग्राउंड टीमें असुविधा को कम करने के लिए सक्रिय हैं. लंदन से उड़ान भरने वाले यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे हवाई अड्डे पर आने से पहले अपना वेब चेक-इन पूरा कर लें.
यूरोप में व्यापक साइबर हमला
शनिवार को यूरोप के कई हवाई अड्डों पर एक बड़े साइबर हमले ने चेक-इन और बोर्डिंग सिस्टम को प्रभावित किया. इस कारण कई उड़ानों में देरी हुई और यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई. प्रभावित हवाई अड्डों को यात्रियों को सलाह जारी करनी पड़ी और असुविधा के लिए माफी भी मांगी गई.
लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे ने बयान में कहा कि कोलिन्स एयरोस्पेस तकनीकी समस्या का सामना कर रहा है. इस कारण प्रस्थान करने वाले यात्रियों को देरी का सामना करना पड़ सकता है. हवाई अड्डे ने कहा कि प्रणाली में समस्या का समाधान तेजी से किया जा रहा है, लेकिन यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे लंबी दूरी की उड़ान के लिए तीन घंटे पहले और घरेलू उड़ान के लिए दो घंटे पहले हवाई अड्डे पर पहुंचें.
ब्रांडेनबर्ग हवाई अड्डे ने माफी मांगी
जर्मनी के ब्रांडेनबर्ग हवाई अड्डे ने भी यात्रियों से माफी मांगी और बताया कि साइबर हमले के कारण उनकी प्रणाली प्रभावित हुई थी. इसी तरह, ब्रुसेल्स हवाई अड्डे ने कहा कि वह इस समस्या के समाधान के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है. बयान में कहा गया कि 19 सितंबर की रात चेक-इन और बोर्डिंग सिस्टम सेवा प्रदाता के खिलाफ साइबर हमला हुआ, जिससे ब्रुसेल्स सहित कई यूरोपीय हवाई अड्डों की सेवाएं प्रभावित हुईं.
इस साइबर हमले के कारण एयरलाइंस और हवाई अड्डों को मिलकर यात्रियों की असुविधा कम करने और उड़ानों की समयसीमा बनाए रखने के प्रयास तेज करने पड़े हैं.


