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बिहार की सबसे युवा विधायक बनीं मैथिली ठाकुर, जानें पहले कौन-कौन रच चुका है इतिहास

अलीनगर विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार मैथिली ठाकुर ने शानदार जीत दर्ज की है. उन्होंने राजद प्रत्याशी विनोद मिश्रा को मात दी. मैथिली ठाकुर ने राजद उम्मीदवार को 11,730 मतों से हरा दिया. इस ऐतिहासिक जीत के साथ मैथिली ठाकुर बिहार राज्य की सबसे युवा विधायक बन गई है. 

Anuj Kumar
Edited By: Anuj Kumar

नई दिल्ली: अलीनगर विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार मैथिली ठाकुर ने शानदार जीत दर्ज की है. उन्होंने राजद प्रत्याशी विनोद मिश्रा को मात दी. मैथिली ठाकुर ने राजद उम्मीदवार को 11,730 मतों से हरा दिया. इस ऐतिहासिक जीत के साथ मैथिली ठाकुर बिहार राज्य की सबसे युवा विधायक बन गई है. 

मात्र 25 वर्ष की आयु में राजनीति में कदम रखने वाली मैथिली ठाकुर का नाम अब युवा नेताओं की लिस्ट में शामिल किया जा रहा है. मैथिली ठाकुर से पहले भी इतनी कम उम्र में विधायक बनने का इतिहास रचा जा चुका है. हमारे देश की राजनीति में पहले भी कई युवा चेहरे कम उम्र में विधानसभा पहुंच चुके हैं. 

1. उमेद सिंह मात्र 25 साल की उम्र में विधानसभा पहुंचे थे. साल 1962 में हुए चुनाव में वह राजस्थान के बारमेर से विधायक चुने गए थे. 

2. अरुण वर्मा ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर साल 2012 में सुल्तानपुर सदर सीट से जीत दर्ज की थी. उस समय उनकी उम्र मात्र 25 साल थी. 

3. आदित्य सूरजेवाला भी अपनी जीत को लेकर काफी चर्चा में रहे थे. उन्होंने साल 2024 के विधानसभा चुनाव में कैथल सीट से जीत हासिल की थी. उस समय उनकी उम्र 25 वर्ष थी. आदित्य सूरजेवाला हरियाणा के सबसे युवा विधायक बने थे.

4. मायनमपल्ली रोहित ने अपना चुनाव मात्र 26 साल की उम्र में जीता था. उन्होंने दिग्गज नेता पद्मा देवेंद्र रेड्डी को मात दी थी. 

5. रोहित रावसाहेब पाटिल ने 26 साल की उम्र में विधायक का चुनाव जीता था. वह साल 2024 से महाराष्ट्र के तासगांव-कवठे महांकाल से जीते थे.

बिहार को मिला सबसे युवा विधायक

आपको बता दें कि लोकप्रिय गायिका मैथिली ठाकुर ने सिर्फ 25 वर्ष की उम्र में चुनाव जीतकर एक बड़ा रिकॉर्ड बना लिया है. बिहार की राजनीति को एक नया, युवा और ऊर्जावान चेहरा मिल गया है. चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मैथिली ठाकुर को कुल 84,915 वोट मिले. उनके प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के उम्मीदवार विनोद मिश्रा को 73,185 वोट प्राप्त हुए. इस तरह मैथिली ने 11,730 वोटों के बड़े अंतर से शानदार जीत दर्ज की.

राजनीतिक विशेषज्ञ क्या बोलते है

राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि उनकी लोकप्रियता, सोशल मीडिया पर मजबूत उपस्थिति और युवा वोटरों में खास पकड़ ने उनकी जीत में अहम भूमिका निभाई. मैथिली ठाकुर लंबे समय से अपने गायन और लोक संगीत के कारण घर-घर में जानी जाती हैं और यही पहचान उन्हें राजनीति में भी फायदा पहुंचा रही है. लोगों का मानना है कि यदि वह इसी तरह काम करती रहीं और जनता से जुड़े मुद्दों पर सक्रिय रहीं, तो आने वाले समय में वह बिहार की राजनीति में एक लंबा और प्रभावशाली सफर तय कर सकती हैं. उनकी जीत ने कई युवाओं को प्रेरित भी किया है, जिससे यह संदेश जाता है कि युवा भी राजनीति में आकर एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.

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14 November 2025, 06:36 PM IST

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