यूपी में बीजेपी को जल्द मिलेगा नया अध्यक्ष, लखनऊ में संघ के साथ तीन घंटे तक चला मंथन, SIR पर भी हुई चर्चा
उत्तर प्रदेश बीजेपी जल्द नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा कर सकती है. लखनऊ में हुई बीजेपी-आरएसएस-सरकार समन्वय बैठक में संगठनात्मक मजबूती, SIR प्रक्रिया, राम मंदिर प्रचार और बूथ स्तर पर कामकाज पर चर्चा की गई.

लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस सप्ताह बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. लंबे समय से लंबित पड़े उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति जल्द ही होने की संभावना है. लखनऊ में सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर बीजेपी, आरएसएस और राज्य सरकार की महत्वपूर्ण समन्वय बैठक हुई, जिसमें इस मुद्दे पर गंभीर मंथन किया गया. सूत्रों के अनुसार, इसी सप्ताह पार्टी अपने नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर सकती है.
तीन घंटे की अहम बैठक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर आयोजित इस बैठक में संगठन और सरकार के बीच सामंजस्य को और गहरा करने पर जोर दिया गया. बैठक में आरएसएस के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार, बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष, प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक समेत संघ के कई क्षेत्रीय पदाधिकारी मौजूद रहे.
बैठक में राज्य सरकार के कामकाज, जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति और संगठनात्मक गतिविधियों पर लंबी चर्चा की गई. यह भी समीक्षा की गई कि आने वाले महीनों में पार्टी किस तरह अपनी संगठनात्मक मजबूती को और बढ़ा सकती है.
नए प्रदेश अध्यक्ष पर बनी सहमति
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में बी.एल. संतोष ने उत्तर प्रदेश के संभावित नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम साझा किया. संगठन की दृष्टि से यूपी के 75 जिलों को 98 संगठनात्मक जिलों में विभाजित किया गया है और इनमें से 84 जिलों में जिला अध्यक्ष पहले ही नियुक्त किए जा चुके हैं. इससे स्पष्ट है कि प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और अब सिर्फ औपचारिक घोषणा शेष है. करीब एक साल से यह पद खाली था, ऐसे में पार्टी संगठनात्मक मजबूती के लिए इसे तत्काल भरने के मूड में दिख रही है.
एसआईआर मुद्दे पर संघ की नाराजगी
बैठक का एक बड़ा मुद्दा प्रदेश में चल रही SIR (Social Impact Review) प्रक्रिया रही. आरएसएस ने नाराजगी जताई कि कई बीजेपी सांसद और विधायक इस प्रक्रिया में अपेक्षित स्तर पर भागीदारी नहीं कर रहे. संघ का स्पष्ट कहना था कि जनप्रतिनिधियों को लोगों के बीच जाकर इस पहल को समझाना होगा और इसे जमीनी स्तर पर प्रभावी बनाना होगा.
राम मंदिर आंदोलन को नए सिरे से धार देने की योजना
संघ और बीजेपी की इस बैठक में राम मंदिर को लेकर भविष्य की रणनीति भी तय की गई. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण समापन के बाद इसे राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक रूप से प्रचारित करने की तैयारी की जा रही है. संगठन का मानना है कि यह मुद्दा न सिर्फ सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि आगामी पंचायत और विधानसभा चुनावों में भी इसकी बड़ी भूमिका रहेगी.
संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहा कि प्रभारी मंत्री अपने क्षेत्र दौरों के दौरान वैचारिक संगठनों के साथ भी संवाद बढ़ाएं, ताकि समाज का व्यापक वर्ग इससे जुड़ सके.
सरकार और संगठन में बेहतर तालमेल को प्राथमिकता
बैठक में बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने, सामाजिक समरसता अभियान को गति देने और सरकारी योजनाओं को अधिक से अधिक घरों तक पहुंचाने पर विस्तार से चर्चा की गई. साथ ही निगम और बोर्डों में लंबित नियुक्तियों को भी जल्द पूरा करने पर सहमति बनी. जल्द ही नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा, जिसके बाद संगठनात्मक गतिविधियों में और तेजी आने की उम्मीद है.


