3 साल बाद CM योगी से मिले बृजभूषण शरण सिंह, क्या खत्म होगी सियासी दूरी ?
यूपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके लखनऊ स्थित आवास पर मुलाकात की. बृजभूषण, जो हाल में सरकार की नीतियों पर सवाल उठा रहे थे, इस मुलाकात से अपने और मुख्यमंत्री के बीच की दूरियों को कम करना चाहते थे. हालांकि, उनकी बॉडी लैंग्वेज से यह स्पष्ट था कि वे अपेक्षित आश्वासन नहीं प्राप्त कर पाए और दूरियां बरकरार हैं.

उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ नेता और भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने सोमवार की शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ स्थित उनके आवास पर मुलाकात की. यह मुलाकात उस समय हुई जब बृजभूषण शरण सिंह अपने बयानों और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने को लेकर मीडिया में चर्चा का विषय बने हुए थे. इस मुलाकात को राजनीतिक हलकों में काफी महत्व दिया जा रहा था.
क्या था मुलाकात का उद्देश्य?
बताया जा रहा है कि बृजभूषण शरण सिंह मुख्यमंत्री से मिलने के लिए इसलिए पहुंचे थे, क्योंकि उनके बीच के कुछ राजनीतिक मतभेदों को खत्म करने की कोशिश थी. बृजभूषण ने अपने बयानों में कई बार योगी आदित्यनाथ की नीतियों पर सवाल उठाए थे, और माना जा रहा था कि वह मुख्यमंत्री से अपनी दूरी को कम करना चाहते थे.
दूरी पूरी तरह से कम नहीं हो पाई
मुलाकात के बाद जब बृजभूषण शरण सिंह सीएम आवास से बाहर निकले, तो उनकी बॉडी लैंग्वेज ने यह साफ संकेत दिया कि दोनों के बीच की दूरी पूरी तरह से कम नहीं हो पाई है. मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए बृजभूषण ने कहा कि मुख्यमंत्री से मुलाकात एक जरूरी बात थी और वह इससे संतुष्ट हैं. लेकिन जब उनसे यह पूछा गया कि मुलाकात में खास क्या रहा, तो उन्होंने संक्षेप में यही कहा कि "मुलाकात ही खास रही." इससे साफ प्रतीत होता है कि मुलाकात की वजह से उनकी उम्मीदें पूरी नहीं हो पाई थीं.
बृजभूषण के बयानों से सरकार में असंतोष
बृजभूषण शरण सिंह अक्सर खुले तौर पर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते रहते हैं और विपक्षी नेताओं का महिमा मंडन करते रहते हैं. इससे सरकार के साथ उनके रिश्तों में तल्खी बढ़ी थी. बृजभूषण ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का समर्थन किया था और कई बार सरकारी अधिकारियों के भ्रष्टाचार पर बयान दिए थे. इस तरह के बयानों से सरकार के साथ उनकी स्थिति में स्पष्ट दरार देखने को मिल रही थी.
गोरखपुर और देवीपाटन में बृजभूषण का प्रभाव
गोरखपुर और देवीपाटन क्षेत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी इलाकों में आते हैं. गोरखपुर में योगी का एक मंदिर है और देवीपाटन में भी उनका एक मंदिर और मठ है. बृजभूषण शरण सिंह का इन इलाकों में बहुत प्रभाव माना जाता है, खासकर देवीपाटन में जहां ठेकों और पट्टों पर उनका दबदबा था. मुख्यमंत्री और बृजभूषण के बीच इस प्रभाव और शक्ति को लेकर मतभेद थे, जो समय-समय पर सार्वजनिक हुए हैं.
CM योगी की नाराजगी और बृजभूषण का दबदबा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कई बार बृजभूषण शरण सिंह की गतिविधियों से नाराजगी सामने आई थी. विशेष रूप से पीडब्ल्यूडी के करोड़ों के ठेके निरस्त किए गए थे, और वहां के अधिकारियों को सस्पेंड भी किया गया था. इस कारण दोनों के बीच टकराव और दूरियां बढ़ गई थीं.
CM से मुलाकात के बाद की स्थिति
बृजभूषण शरण सिंह ने अपनी मुलाकात से यह उम्मीद जताई थी कि मुख्यमंत्री के साथ उनके रिश्ते बेहतर होंगे और वह अपनी स्थिति को लेकर कोई हल निकाल सकेंगे. लेकिन मुलाकात के बाद उनका चेहरा और बॉडी लैंग्वेज यह बता रहे थे कि उनकी अपेक्षाएं पूरी नहीं हो पाईं. उनका कहना था कि "जो आशा लेकर आए थे, वह पूरी नहीं हुई."
बृजभूषण शरण सिंह की यह मुलाकात यूपी की राजनीति में एक नया मोड़ साबित हो सकती है, जहां एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बृजभूषण शरण सिंह के बीच राजनीतिक मतभेद उभरकर सामने आ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बृजभूषण की उम्मीदें पूरी नहीं हो सकी हैं. इस मामले में आगे चलकर राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं.


