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CJI ज्ञानेश कुमार मुख्य चोर आयुक्त...दिल्ली MCD चुनाव में मिली हार के बाद बोले आप नेता संजय सिंह

दिल्ली में MCD की 12 सीटों पर हुए उपचुनाव के रिजल्ट आ चुके हैं. आम आदमी पार्टी ने 3 सीटों पर जीत हासिल की है. वहीं अब आप पार्टी ने एक बार फिर वोट चोरी के आरोप लगाए है. आप नेता संजय सिंह ने भड़कते हुए देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को मुख्य चोर आयुक्त कह दिया है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली : दिल्ली नगर निगम (MCD) की 12 सीटों पर हुए हालिया उपचुनाव के नतीजों ने एक बार फिर सियासी हलचल बढ़ा दी है. आम आदमी पार्टी (AAP), जिसने केवल तीन सीटें जीतीं, ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने “जनादेश चोरी” किया है. सबसे बड़ा विवाद अशोक विहार वार्ड के नतीजों को लेकर पैदा हुआ, जहाँ AAP का दावा है कि उनके उम्मीदवार जीत चुके थे, लेकिन दोबारा गिनती के बाद परिणाम भाजपा के पक्ष में घोषित कर दिया गया.

CJI, मुख्य चोर आयुक्त...संजय सिंह 

आपको बता दें कि आप सांसद और वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को “मुख्य चोर आयुक्त” कह दिया. उनका आरोप है कि चुनाव आयोग भाजपा के दबाव में काम कर रहा है और अशोक विहार वार्ड का परिणाम इससे बड़ी साज़िश का संकेत देता है. इससे पहले भी संजय सिंह चुनाव आयोग पर कई बार सवाल उठाते रहे हैं और ज्ञानेश कुमार को “अज्ञानेश” कहते रहे हैं. उनकी यह बयानबाज़ी विपक्षी राजनीति में नई बहस लेकर आई है, क्योंकि चुनाव आयोग पर सीधे ऐसे गंभीर आरोप लगाना बेहद असामान्य माना जाता है.

वेबसाइट पर जीत दिखी, बाद में परिणाम बदल दिया
AAP दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने नतीजों पर आपत्ति उठाते हुए कहा कि आयोग की वेबसाइट पर स्पष्ट रूप से दिख रहा था कि अशोक विहार सीट पर AAP उम्मीदवार को जीत मिली है, लेकिन थोड़ी देर बाद “रिकाउंटिंग” का हवाला देकर भाजपा को विजेता घोषित कर दिया गया. उनके अनुसार, यह चुनाव प्रक्रिया में “अभूतपूर्व गड़बड़ी” है और लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है. दिल्ली की पूर्व मंत्री आतिशी ने भी चुनाव आयोग और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह लोकतंत्र के खिलाफ सीधा हमला है और BJP हार स्वीकारने के बजाय जनादेश को मोड़ने की कोशिश कर रही है.

उपचुनाव में BJP की बढ़त बरकरार 
उपचुनाव में भाजपा ने सात सीटें जीतकर अपनी बढ़त बरकरार रखी, जबकि AAP को केवल तीन सीटें मिलीं. कांग्रेस और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की. यह उपचुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि फरवरी 2025 में विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत के बाद भाजपा के लिए यह जनता के मूड का पहला बड़ा परीक्षण था.

12 सीटों में से नौ पर पहले से ही BJP का नियंत्रण
इन 12 वार्डों में से नौ पर पहले से ही भाजपा का नियंत्रण था और तीन पर AAP का. भाजपा ने अपनी पुरानी सीटों को काफी हद तक बचाए रखा, लेकिन AAP की ओर से लगाए गए इन आरोपों ने नतीजों की पारदर्शिता और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा दिया है.

सियासी टकराव में बढ़ी गर्मी
अशोक विहार वार्ड का विवाद अब कानूनी और राजनीतिक दोनों स्तरों पर तूल पकड़ सकता है. AAP ने संकेत दिया है कि वह इस “जनादेश चोरी” की जांच की मांग करेगी और चुनाव आयोग के व्यवहार पर सवाल उठाएगी. दूसरी ओर भाजपा ने AAP के आरोपों को आधारहीन बताते हुए इसे “हार का हताश प्रयास” कहा है. दिल्ली की सियासत में यह विवाद आने वाले दिनों में और गर्मी ला सकता है, क्योंकि उपचुनाव के नतीजे केवल स्थानीय राजनीति पर नहीं, बल्कि राजधानी की बड़ी राजनीतिक दिशा पर भी प्रभाव डालते हैं.

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03 December 2025, 02:03 PM IST

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