'राजनीतिक फायदे के लिए किया जा रहा...', CM ममता ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में चुनाव प्रक्रिया से जुड़े दो नए प्रस्तावों पर गंभीर आपत्ति जताई है. पहला मुद्दा डेटा एंट्री से जुड़े काम को निजी कंपनियों को देना और दूसरा निजी हाउसिंग सोसायटी या प्राइवेट रेज़िडेंशियल कॉम्प्लेक्स के अंदर पोलिंग स्टेशन बनाने का सुझाव है. ममता बनर्जी ने सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को एक विस्तृत पत्र भेजकर अपनी चिंता व्यक्त की है.

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में चुनाव प्रक्रिया से जुड़े दो नए प्रस्तावों पर गंभीर आपत्ति जताई है. पहला मुद्दा डेटा एंट्री से जुड़े काम को निजी कंपनियों को देना और दूसरा निजी हाउसिंग सोसायटी या प्राइवेट रेज़िडेंशियल कॉम्प्लेक्स के अंदर पोलिंग स्टेशन बनाने का सुझाव है. ममता बनर्जी ने सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को एक विस्तृत पत्र भेजकर अपनी चिंता व्यक्त की है.
Sharing herewith my today's letter to the Chief Election Commissioner, articulating my serious concerns in respect of two latest and disturbing developments. pic.twitter.com/JhkFkF6RWs
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) November 24, 2025
'चुनाव से जुड़ा डेटा बेहद संवेदनशील होता है'
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पत्र में कहा कि राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) द्वारा हाल ही में जो प्रस्ताव जारी किया गया है, उसमें अगले एक साल के लिए बाहर से 1,000 डेटा एंट्री ऑपरेटर और 50 सॉफ्टवेयर डेवलपर रखने की बात कही गई है. ममता का कहना है कि इतना बड़ा काम निजी कंपनियों या बाहरी व्यक्तियों को देना चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा सकता है. उनके अनुसार, चुनाव से जुड़ा कोई भी डेटा बेहद संवेदनशील होता है और इसे बाहरी हाथों में देने से पारदर्शिता पर सवाल उठ सकते हैं.
निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की
उन्होंने आयोग से इन दोनों प्रस्तावों की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच करने की अपील की है. ताकि चुनाव आयोग की विश्वसनीयता बनी रहे. ममता ने यह भी पूछा कि जो नए कर्मचारी रखे जाएंगे, उनकी कामकाज की शर्तें पहले से काम कर रहे सरकारी कर्मियों से कैसे अलग होंगी. उन्होंने यह भी आशंका जताई कि कहीं यह कदम किसी राजनीतिक लाभ के लिए तो नहीं उठाया जा रहा.
'असमानता की भावना पैदा होगी'
दूसरा बड़ा मुद्दा निजी सोसाइटी के अंदर मतदान केंद्र बनाने का है. ममता बनर्जी का स्पष्ट कहना है कि पोलिंग बूथ हमेशा सरकारी या अर्ध-सरकारी इमारतों में होने चाहिए, क्योंकि ये स्थान सभी लोगों के लिए समान रूप से सुलभ और निष्पक्ष माने जाते हैं. निजी सोसाइटी में बूथ बनाए जाने से लोगों के अंदर असमानता की भावना पैदा हो सकती है और कुछ मतदाताओं के लिए पहुंचना भी मुश्किल हो जाएगा. इसके अलावा ऐसा करने से चुनाव की निष्पक्षता पर शक पैदा होना स्वाभाविक है.
बीएलओ और पुलिस के बीच झड़प
इस बीच राज्य में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया के दौरान बूथ-लेवल अधिकारी (BLO) भी भारी काम के बोझ की शिकायत करते हुए विरोध में उतर आए. सोमवार को उनके प्रदर्शन के दौरान पुलिस से उनकी झड़प भी हुई. पुलिस का कहना था कि प्रदर्शनकारी बैरिकेड तोड़कर अंदर जाने की कोशिश कर रहे थे. वहीं BLO अधिकार रक्षा समिति के सदस्यों ने कॉलेज स्क्वायर से जुलूस निकालकर CEO ऑफिस के बाहर प्रतीकात्मक तौर पर ताले और बेड़ियां लगाकर अपना विरोध दर्ज कराया.


