Video : सुरक्षा करना कॉलेज की जिम्मेदारी...छात्रा से हुए रेप पर CM ममता बोली- ओडिशा में हुए बलात्कार पर क्या कार्रवाई हुई
CM Mamta on Rape Case : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निजी मेडिकल कॉलेज की द्वितीय वर्ष की छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार पर बोलते हुए कहा कि लड़की को रात में बाहर नहीं निकलने देना चाहिए. उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी निजी मेडिकल कॉलेज की थी इसमें सरकार को घसीटना अनुचित है. इसके साथ ही उन्होंने एक महीने पहले ओडिशा के पुरी बीच पर एक छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार की घटना पर सवाल उठाते हुए कहा कि ओडिशा सरकार ने क्या कार्रवाई की ?

CM Mamta on Rape Case : पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर स्थित एक निजी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की द्वितीय वर्ष की छात्रा के साथ हुई सामूहिक बलात्कार की घटना ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है. इस चौंकाने वाली घटना पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बयान दिया. उन्होंने इसे "स्तब्धकारी" करार दिया, लेकिन साथ ही बयान के कुछ अंशों को लेकर उनकी आलोचना भी हो रही है.
"रात में लड़कियों को बाहर नहीं निकलना चाहिए"
#WATCH | कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने MBBS छात्रा के साथ कथित सामूहिक बलात्कार के मामले पर कहा, "...आप मुझे बताइए कि ओडिशा में तीन सप्ताह पहले समुद्र तट पर तीन लड़कियों के साथ बलात्कार हुआ, ओडिशा सरकार ने क्या कार्रवाई की और बंगाल में अगर महिलाओं के साथ कुछ… pic.twitter.com/Av3GqdtaIH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 12, 2025
सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी?
ममता बनर्जी ने यह भी स्पष्ट किया कि घटना निजी मेडिकल कॉलेज परिसर के पास हुई थी, इसलिए उसकी ज़िम्मेदारी उस संस्थान की बनती है, न कि सीधे तौर पर राज्य सरकार की. उन्होंने कहा, "इस मामले में राज्य सरकार को घसीटना उचित नहीं है. छात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करना कॉलेज प्रशासन की जिम्मेदारी थी." हालांकि, विपक्षी दलों और महिला अधिकार संगठनों का मानना है कि राज्य की कानून व्यवस्था के तहत किसी भी नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी होती है.
ओडिशा की घटना का जिक्र कर उठाए सवाल
मुख्यमंत्री ने यह भी सवाल उठाया कि जब भी बलात्कार की कोई घटना होती है, तो केवल पश्चिम बंगाल सरकार को ही निशाना क्यों बनाया जाता है. उन्होंने हाल ही में ओडिशा के पुरी में एक छात्रा के साथ हुई सामूहिक बलात्कार की घटना का हवाला देते हुए कहा, "ओडिशा सरकार से कोई सवाल नहीं पूछा जा रहा. क्या वहां कार्रवाई नहीं होनी चाहिए?"
पीड़िता की हालत और परिवार का दर्द
घटना के बाद पीड़िता के माता-पिता ओडिशा से दुर्गापुर पहुंचे और न्यू टाउनशिप पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई. उन्होंने कहा कि अब वे अपनी बेटी को ओडिशा वापस ले जाना चाहते हैं क्योंकि बंगाल में उन्हें सुरक्षित महसूस नहीं होता.
पीड़िता की हालत गंभीर बताई जा रही है. एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, उसके पिता ने कहा, "मेरी बेटी बहुत दर्द में है. वह चल नहीं सकती और बिस्तर पर पड़ी है. अब हमारा इस राज्य से विश्वास उठ गया है. वह ओडिशा में ही अपनी पढ़ाई जारी रखेगी."
पुलिस की कार्रवाई और जांच
इस मामले में अब तक तीन आरोपियों एस.के. रियाज़ुद्दीन, एस.के. फिरदौस और अप्पू को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसके अलावा एक और संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि मोबाइल टावर डंपिंग टेक्नोलॉजी की मदद से आरोपियों का पता लगाया गया. इसके साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि क्या आरोपी पीड़िता या उसकी उस दोस्त को जानते थे, जिसके साथ वह कॉलेज से बाहर गई थी. पुलिस के अनुसार, उस दोस्त की भूमिका भी जांच के दायरे में है.
यह घटना ना सिर्फ एक छात्रा के जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र और सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है. मुख्यमंत्री के बयान जहां एक ओर कानून की सख्ती की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर उनके शब्दों की संवेदनशीलता पर भी सवाल उठ रहे हैं. इस प्रकार के मामलों में जिम्मेदारी तय करना, पीड़ितों को न्याय दिलाना और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना यह सभी पक्षों के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए.


