मैं सिर्फ भाई से अलग हुई हूं...चप्पल किसने चलाया ये तेजस्वी, रमीज और संजय से पूछिए, रोहिणी आचार्य का भावुक बयान
लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने ‘चप्पल कांड’ के बाद कहा कि वह सिर्फ अपने भाई तेजस्वी से अलग हुई हैं, माता-पिता और बहनों से नहीं. उन्होंने आरोप लगाया कि तेजस्वी, संजय यादव और रमीज ने उन्हें अपमानित किया और चप्पल उठाकर मारने की कोशिश की.

बिहार : लालू प्रसाद यादव के परिवार में बढ़ते तनाव के बीच रोहिणी आचार्य ने ‘चप्पल कांड’ पर चुप्पी तोड़ते हुए अपना बड़ा बयान दिया है. उन्होंने साफ कहा कि वह केवल अपने भाई तेजस्वी यादव से दूर हुई हैं, लेकिन माता-पिता और बहनों के साथ खड़ी हैं. रोहिणी ने बताया कि घटना के बाद उनके माता-पिता भी बेहद दुखी थे और रो रहे थे, जिसे देख उनका मन और टूट गया.
“चप्पल किसने चलाया, तेजस्वी से पूछिए”
परिवार का दर्द देख मेरी सास भी रो रही
रोहिणी ने बताया कि वह इस पूरे विवाद से व्यथित होकर अब अपने ससुराल मुंबई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि उनके घर में फैला तनाव देखकर उनकी सास भी रोने लगीं. उन्होंने यह भी कहा कि सच बोलना उनकी आदत है और जो भी अफवाहें फैलाई जा रही हैं, उनकी वास्तविकता की जांच कोई भी कर सकता है.
बेटी, बहन और मां होने के बावजबद गालियां दी
एक दिन पहले ही रोहिणी ने सोशल मीडिया पर राजनीति छोड़ने और परिवार से नाता तोड़ने का ऐलान किया था. उन्होंने बताया था कि एक बेटी, बहन और मां होने के बावजूद उन्हें गंदी गालियां दी गईं, अपमानित किया गया और चप्पल उठाकर मारने की कोशिश की गई. रोहिणी ने यह भी आरोप लगाया कि उनके आत्मसम्मान को बार-बार ठेस पहुंचाई गई और सच्चाई बोलने की सज़ा दी गई.
मेरी किडनी को गंदी कहकर अपमान किया गया
रोहिणी ने एक और चौंकाने वाला खुलासा किया. उन्होंने कहा कि उन्हें गंदे शब्दों में कहा गया कि उन्होंने अपने पिता को “गंदी किडनी” लगाई. यहां तक कि यह दावा भी किया गया कि उन्होंने टिकट के बदले करोड़ों रुपये लेकर किडनी दी. इस पर रोहिणी ने कहा कि कोई भी बेटी ऐसा अपमान सह नहीं सकती और अन्य बेटियों को सलाह दी कि अपने मायके की जिम्मेदारी उठाते समय अपनी गरिमा का सम्मान करें.
RJD और लालू परिवार की छवि पर गहरा असर
रोहिणी आचार्य द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों ने RJD और लालू परिवार की छवि पर गहरा असर डाला है. पहली बार परिवार के भीतर की तकरार इतनी खुलकर सामने आई है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद आने वाले दिनों में पार्टी की आंतरिक राजनीति और नेतृत्व की विश्वसनीयता पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है.


