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'मेरे पास कैबिनेट नहीं', मंडी सांसद कंगना रनौत के इस बयान पर हिमाचल में क्यों छिड़ा घमासान? जानिए वजह

हिमाचल दौरे के दौरान कंगना रनौत ने कहा कि उनके पास फंड या कैबिनेट नहीं है, इसलिए राहत कार्य उनका काम नहीं. कांग्रेस ने उन्हें असंवेदनशील बताया, जबकि कंगना ने जवाब दिया कि जिम्मेदारी राज्य सरकार की है. Meanwhile, बाढ़ और भूस्खलन से 78 मौतें हो चुकी हैं और स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

अभिनेत्री से नेता बनीं कंगना रनौत ने सोमवार को बाढ़ प्रभावित हिमाचल प्रदेश के दौरे के दौरान दोहराया कि उनके पास न तो कोई फंड है और न ही कोई कैबिनेट स्थिति और यही उनका काम नहीं है. मंडी लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद कंगना की यह टिप्पणी रविवार को विवाद बनी रही, जिसे प्रदेश कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया था.

कांग्रेस के निशाने पर कंगना

हिमाचल प्रदेश की सत्तारूढ़ कांग्रेस ने कंगना की इस टिप्पणी को ‘असंवेदनशील’ और पीड़ितों की दुर्दशा को मज़ाक बनाने वाला करार दिया. साथ ही आरोप लगाया कि केंद्रीय संसाधन व उत्तरदायित्व होते हुए भी, उन्होंने जनता की मदद करने की प्राथमिकता क्यों नहीं दी.

उत्तरदायित्व की शिक्षा मुझे नहीं, उन्हें चाहिए

कंगना ने कांग्रेस की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि उन्हें उन लोगों से सीखने की कोई ज़रूरत नहीं, जिनके पास जवाबदेही नहीं है और जिनके अधीन कार्य करने की क्षमता ही नहीं. उन पर उन्होंने निशाना साधा कि “गृहमंत्रालय और राज्य सरकारों के पास सारी शक्तियां हैं, उन्हें ही इस तरह की स्थिति से लोगों को निपटने देना चाहिए.”

मेरी कैबिनेट केवल मेरे दो भाई

कंगना ने संवाददाताओं से साफ कहा: “जब पत्रकारों ने पूछा कि हिमाचल को कब फिर से पाया जाएगा, तब मैं यह कह रही थी कि मेरे पास एजेंसियां नहीं, कैबिनेट नहीं—बंदी बस यही है.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनके पास कोई आपदा राहत कोष नहीं और सांसद का दायरा सीमित होता है. “मेरे दो भाई हैं—वो मेरी कैबिनेट हैं,” उन्होंने कहा.

हिमाचल में बाढ़ की भयावह स्थिति

हिमाचल प्रदेश में मानसून के आगमन के बाद भारी बारिश से हालात भयावह हो चुके हैं. मंडी जिले के थुनाग, गोहर तथा करसोग उपखंडों में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं में लगभग 30 लोग लापता हैं. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आगामी दिनों में फिर भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे आपदा की आशंका बढ़ी है.

मानसून ने मचाई तबाही से 78 मौतें

रिपोर्ट के अनुसार मानसून की शुरुआत से अब तक हिमाचल प्रदेश में कुल 78 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से 50 मौतें विशेष रूप से भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने से हुईं. यह आंकड़ा इस बात का सबूत है कि स्थिति कितनी गंभीर है और राहत एजेंसियों की भूमिका कितनी महवपूर्ण है.

राजनीतिक मतभेद 

कंगना की टिप्पणियों पर मीडिया और राजनीतिक दलों द्वारा निशाना साधा गया है. वे इसे असंवेदनशील मानते है, लेकिन कंगना इसे सवालों का यथार्थ स्पष्ट करती प्रतिक्रिया मानती हैं. मतभेद चाहे जितना बड़ा हो, लेकिन बाढ़ जैसे प्राकृतिक आपदाओं के बीच सामूहिक सहानुभूति और प्रभावी राहत उपाय अनिवार्य हैं.

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07 July 2025, 05:43 PM IST

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